पटना: छपरा में शराब कांड के बाद बीजेपी (BJP) काफी आक्रामक हो गई है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर सदन से लेकर सड़क तक हंगामा कर रही है. महागठबंधन सरकार को इस मुद्दे पर लगातार घेर रही है. वहीं, बीजेपी से राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Sushil Modi) नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गए हैं. उन्हें मुआवजे को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए.


'मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है'


सुशील मोदी ने कहा कि सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है. राज्य सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है. मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अन्त्येष्टियां  कर रहे हैं. शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता. जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.


'शराबबंदी की हो समीक्षा'


बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार को 35 हजार करोड़ की राजस्व क्षति, जहरीली शराब वाले 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और छह साल में चार लाख गरीबों के जेल जाने के बाद भी क्या शराबबंदी की समीक्षा नहीं होनी चाहिए? बीजेपी शुरू से पूर्ण मद्यनिषेध नीति का समर्थन करती रही है, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने में पूरी तरह विफल है. सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस-प्रशासन के लोगों को दस हजार करोड़ की अवैध कमाई करने और गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी. क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए ?


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