पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के जेल से बाहर आने के बाद से राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो गया है. बिहार की राजनीति में बड़े उलट फेर का अनुमान लगाया जा है. तेजस्वी यादव के 'सरकार गिर जाएगी' वाले बयान के बाद कयासों को और हवा मिल रही है. इन्हीं कयासों पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर लालू यादव बिहार की जनता से मुखातिब होंगे. वर्चुअल संवाद के जरिए वे जनता से बातचीत करेंगे. 


सुशील मोदी ने ट्वीट कर कही ये बात


लालू यादव के इस कार्यक्रम पर राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने निशाना साधा है. सुशील मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, " चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद जमानत पर छूटने के बाद यदि पटना आते हैं, तो इससे राजनीति को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. लेकिन छवि ऐसी बनाई जा रही है, जैसे वे कोई जिन्न निकाल कर पार्टी का राज वापस ला देंगे. लालू प्रसाद रांची में राजकीय अतिथिशाला जैसी जेल में रहते हुए भी ट्विटर और मोबाइल के जरिये सक्रिय थे, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी की सीटें कम ही हुईं."


 






उन्होंने कहा, " लालू प्रसाद ने बीजेपी विधायक को तोड़ने और बनने के समय ही एनडीए सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिश तो फोन पर ही की थी. भ्रष्टाचार के मामले में लंबी सजा के कारण वे मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते. जमानत उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर मिली है, राजनीति के लिए नहीं. वे जेल में रह कर या जमानत मिलने पर वर्चुअल माध्यम से यदि राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो इस पर सीबीआई को संज्ञान लेना चाहिए."


 






सुशील मोदी ने कहा, " जमानत मिलने का सबसे अच्छा उपयोग यही होगा कि लालू प्रसाद पटना में राबड़ी देवी को साथ ले जाकर कोरोना का टीका लें. इससे गरीबों ग्रामीणों के बीच वैक्सीन को लेकर संशय दूर होगा और टीकाकरण की गति बढ़ेगी."


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