Bihar Politics: सुशील मोदी बोले- लालू यादव की राह पर चल रहे तेजस्वी, पैसे लेकर काम करना पुरानी आदत
सुशील मोदी ने कहा कि पैसे लेने की शिकायत लोगों ने मुझसे की है और मैं उनसे बात कर रहा हूं. पहले लालू यादव पैसे लेते थे. अब उनके बेटे तेजस्वी यादव भी उनकी ही तरह पैसे लेकर काम करने का कार्य कर रहे हैं.
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पटना: लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पैसे लेकर टिकट ना देने के आरोप में पटना के एक कोर्ट ने आरजेडी (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), मीसा भारती (Misa Bharti) सहित छह लोगों के खिलाफ कोर्ट ने प्राथिमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद जहां एक ओर तेजस्वी की परेशानी बढ़ गई है. वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने तेजस्वी समेत पूरे लालू परिवार और आरजेडी पर निशाना साधा है.
पैसे लेकर काम करना पुरानी बात
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है. पैसे लेकर काम करना उनकी संस्कृति है. वो इस आधार पर ही काम करते हैं. पैसे लेकर टिकट देना, मंत्री बनाना या किसी और तरह का काम करना यह उनकी पुरानी आदत है. कई ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें लालू परिवार ने पैसे लेकर काम किए हैं. बक्सर और भागलपुर के कुछ व्यक्तियों ने भी पैसे लेकर टिकट न देने का आरोप आरजेडी पर लगाया है.
लालू यादव की राह पर चल रहे तेजस्वी
सुशील मोदी ने कहा कि पैसे लेने की शिकायत लोगों ने मुझसे की है और मैं उनसे बात कर रहा हूं. पहले लालू यादव पैसे लेते थे. अब उनके बेटे तेजस्वी यादव भी लालू की ही तरह पैसे लेकर काम करने का कार्य कर रहे हैं. लालू प्रसाद के बिना तेज प्रताप और तेजस्वी की कोई औकात नहीं है. आरजेडी में राज्यसभा के सांसद हों या एमएलसी, सभी वैसे ही लोग हैं, जिन्होंने पैसे देकर सीट खरीदा है. शराब माफिया, बालू माफिया व बड़े-बड़े कांट्रेक्टर भी उनके एमएलसी हैं. आरजेडी में पैसे देने वाला ही एमएलसी बन सकता है, पार्टी का कोई कार्यकर्ता नहीं.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पटना सिविल कोर्ट में दायर परिवाद पत्र मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. इस मामले में एफआईआर (FIR) करने के लिए परिवाद पत्र को कोतवाली थाने भेजा गया है. मामला लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये ठगने का है. तेजस्वी यादव पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है.
बताया जाता है कि कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम (CJM) की अदालत में पिछले महीने 18 अगस्त को एक परिवाद पत्र दायर किया था. उसमें संजीव कुमार सिंह ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत छह लोगों पर आरोप लगाया है. इसके बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया गया.
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