Bihar Politics: तेजस्वी यादव की सिक्योरिटी बढ़ाने पर सुशील मोदी ने कसा तंज, कहा- NDA के डिप्टी सीएम को नहीं पड़ी कभी बुलेट प्रूफ गाड़ी की जरूरत
Bihar News: बीजेपी नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव को जेड प्लस सुरक्षा मिलने पर कहा की बिहार में 12 साल तक उप मुख्यमंत्री रहा, लेकिन सरकार को मुझे बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस नहीं हुई.
Bihar Politics News: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बीजेपी के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने गुरुवार को तेजस्वी के सुरक्षा बढ़ाए जाने पर निशाना साधा है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में 12 साल तक उप मुख्यमंत्री रहा, लेकिन सरकार को न मुझे बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस हुई, न जेड-प्लस सुरक्षा की.
सुशील मोदी ने किया ट्वीट
मोदी ने कहा कि मामूली सुरक्षा के बीच मैंने सरकारी आवास से लंबे समय तक जनता की सेवा की. जिनका राजपाट आते ही जनता सहम जाती है, भला उनको किससे इतना खतरा है कि सुरक्षा बढ़ाई जा रही है. मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि अब के डिप्टी सीएम पहले ही कार्यकाल में 5, देशरत्न मार्ग वाले सरकारी आवास में 46 एसी लगवा चुके हैं. गरीबों के मसीहा ने पद से हटने के बाद भी आलीशान बंगला न छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी, लेकिन दाल नहीं गली. उन्हें लगता था कि जो बंगला एक राजकुमार के लायक बनाया गया, उसमें दूसरा कैसे रह सकता है?
बिहार में 12 साल तक उप मुख्यमंत्री रहा, लेकिन सरकार को न मुझे बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस हुई, न जेड-प्लस सुरक्षा की।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 11, 2022
मामूली सुरक्षा के बीच मैंने 1, पोलो रोड के सरकारी आवास से लंबे समय तक जनता की सेवा की।
तेज प्रताप साधा निशाना
मोदी ने आगे लिखा है कि उन्हें एनडीए का डिप्टी सीएम तो बीपीएल स्तर की सुविधा के लायक लगता था. मोदी ने कटाक्ष करते हुए आगे कहा, मुख्यमंत्री अपने नौजवान उप मुख्यमंत्री को जिस आदर और विनम्रता के साथ उनका हाथ पकड़ कर कुर्सी तक ले जाते दिखे, उससे साफ है कि ' डी-फैक्टो सीएम' कौन है और कौन एहसान तले दबा हुआ. मोदी ने तेज प्रताप यादव पर तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन 2 में भी 'बड़े राजकुमार' को छोटी कुर्सी मिलेगी, लेकिन उन्हें उनकी पसंद का स्वास्थ्य विभाग ही मिलना चाहिए. इलाज बेहतर हो या न हो, कम से कम जनता का मनोरंजन होते रहना चाहिए.