पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को जेडीयू (JDU) नेताओं द्वारा पीएम मटेरियल बताए जाने के बाद सूबे के सियासी पारा चढ़ गया है. जेडीयू नेता जहां अपने स्टैंड पर टिके हुए हैं. वहीं, बीजेपी नेता या तो इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं, या फिर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को ही प्रधानमंत्री पद का असली दावेदार बता रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) जो लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ रहे हैं से जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया.
सवालों से किया किनारा
कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने के योग्य बताने वाले सुशील मोदी से जब मंगलवार को पत्रकारों ने पूछा कि क्या सीएम नीतीश कुमार वाकई पीएम मटेरियल हैं तो उन्होंने कहा कि ये सब कोई मुद्दा नहीं है और इसपर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया काम
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, " इस देश के अंदर पिछड़ों, गरीबों, अनुसूचित जाति-जनजाति, ऊंचे वर्ग के गरीबों के लिए अगर किसी ने काम किया है, तो वो है बीजेपी (BJP). इनके लिए केवल नरेंद्र मोदी ने काम किया है. पिछड़ों और गरीबों के लिए अगर कोई सोचता है, तो वो गरीब का बेटा नरेंद्र मोदी सोचता है. इनके लिए अगर कुछ भी करना होगा तो नरेंद्र मोदी ही करेंगे. कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) के लोग ये नहीं कर सकते."
क्या आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) गरीबों के नेता सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, " वो बताएं 23 साल पंचायत चुनाव क्यों नहीं हुए? अगर होता चुनाव तो दलितों के लिए आरक्षण का प्रावधान था. उन्होंने पहला चुनाव बिना आरक्षण दिए क्यों करवा दिया. ये तो हम लोगों ने दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को आरक्षण दिया. ये लोग केवल उनकी जमीन पर कब्जा करते रहे और उन्हें लाठी मारकर भगाते रहे. इसलिए गरीब और पिछड़ा समाज आज एनडीए और बीजेपी के साथ है."
तेजस्वी के सवाल जवाब देने योग्य नहीं
राज्य में अफसरशाही पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) द्वारा उठाए गए सवाल पर सुशील मोदी ने कहा कि उनके सवाल जवाब देने लायक ही नहीं हैं. उनके माता-पिता के कार्यकाल में जो आईएएस होते थे, वो खैनी लगाते थे. खैनी लगाकर मुख्यमंत्री को खिलाते थे. हमने आईएसओं को लालू यादव का पीक दान उठाते देखा है. ऐसी अफसर चाहिए जो आईएएस मुख्यमंत्री का पीक दान उठाए, खैनी मलकर खिलाए, तो उन्हीं को मुबारक हो ऐसी अफसरशाही.
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