Bihar Politics: बगावत के मूड में तेज प्रताप यादव! कहा- तानाशाही का परिणाम है हिंसक क्रांति
छात्र आरजेडी के अध्यक्ष आकाश यादव (Akash Yadav) को पद मुक्त किए जाने के बाद से तेज प्रताप खासा नाराज चल रहे हैं. उसकी नाराजगी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) से है.
पटना: आरजेडी (RJD) में जारी खींचतान के बीच लालू यादव (Lalu Yadav) के बड़े लाल और हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने अलग मोर्चे का गठन कर लिया है. शिक्षक दिवस को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने नए संगठन छात्र जनशक्ति परिषद (Chatra Janshakti Parishad) के गठन का एलान किया. इस संगठन का अध्यक्ष प्रशांत प्रताप को बनाया गया है. वहीं, आर्यन राय को उपाध्यक्ष और पीयूष को महासचिव बनाया गया है.
तानाशाही लेकर आई है हिंसक क्रांति
संगठन के गठन बाद तेज प्रताप यादव ने सोमवार को एक ट्वीट किया, जिससे कयासों का दौर शुरू हो गया है. अपने तेवर के लिए जाने जाने वाले हसनपुर विधायक ने लिखा, " एक हिंसक क्रांति हमेशा किसी न किसी तरह की तानाशाही लेकर आई है. क्रांति के बाद धीरे-धीरे एक नया विशेषाधिकार प्राप्त शासकों और शोषकों का वर्ग खड़ा हो जाता है. लोग एक बार फिर जिसके अधीन हो जाते हैं."
एक हिंसक क्रांति हमेशा किसी न किसी तरह की तानाशाही लेकर आई है… क्रांति के बाद, धीरे-धीरे एक नया विशेषाधिकार प्राप्त शासकों एवं शोषकों का वर्ग खड़ा हो जाता है, लोग एक बार फिर जिसके अधीन हो जाते हैं।
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 6, 2021
मालूम हो कि छात्र आरजेडी के अध्यक्ष आकाश यादव (Akash Yadav) को पद मुक्त किए जाने के बाद से तेज प्रताप खासा नाराज चल रहे हैं. उसकी नाराजगी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) से है. दरअसल, एक कार्यक्रम में तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को हिटलर बताया था, जिसके बाद वे काफी नाराज हो गए थे. नाराज होकर उन्होंने पार्टी कार्यालय आना छोड़ दिया था.
तेज प्रताप ने किया था काफी हंगामा
हालांकि, काफी मान मनौव्वल के बाद जब वे पार्टी कार्यालय आए तो उन्होंने आते ही तेज प्रताप यादव के करीबी माने जाने वाले आकाश यादव को पदमुक्त कर दिया. इस बात से नाराज तेज प्रताप ने काफी हंगामा किया. साथ ही जगदानंद सिंह पर कार्रवाई नहीं होने तक पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल ना होने की बात कही.
पहले भी कह चुके हैं ये बात
हालांकि, उनके रवैये की वजह से घर वालों ने भी उनसे दूरी बना ली. ऐसे में उन्होंने ट्वीट कर अपना दर्द बयान किया था. उन्होंने गीता की पंक्तियों को कोट करते हुए लहै था, " मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये. ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पांच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम. हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बांधने चला, जो था असाध्य, साधने चला. जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है. हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले- ‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हां, हां दुर्योधन! बांध मुझे.” उनके इस पोस्ट के बाद काफी बवाल मचा था. खबर है कि लालू यादव ने खुद पूरे मामले को सुलझाने की कोशिश की थी. अब उनकी ये कोशिश कितनी सफल हुई ये तो वक्त ही बताएगा.
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