Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने CM नीतीश को दी चुनौती, कहा- हिम्मत है तो करके दिखाएं ये काम
तेजस्वी यादव ने कहा, " नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. लेकिन उनका करप्शन को सौ प्रतिशत संरक्षण है और उसमें पार्टिसिपेशन भी है. इसके पहले भी 70 घोटाले हो चुके हैं."

पटना: नल जल योजना (Nal-Jal Yojna) में घोटाले की बात सामने आने के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पीसी कर सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, " नल जल योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की महत्वाकांक्षी योजना रही है. इस योजना के तहत हर घर में नल का जल पहुंचाने की बात कही गई है. लेकिन योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले का काम जारी है. इन घोटालों का पर्दाफाश आरजेडी नेता राम प्रकाश महतो (Ram Prakash Mahto) ने किया था और सूचना मुख्यमंत्री को भी दी गई थी."
नेताओं के अकाउंट में पहुंच रहा धन
उन्होंने कहा, " राम प्रकाश महतो ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर सूचना दी थी और अगस्त 2020 में इन्होंने पहली बार इस घोटाले का पर्दाफाश किया था. लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में ये बात स्पष्ट है कि इस योजना के तहत नल का जल लोगों के घर तक नहीं पहुंच रहा, लेकिन जो धन की सप्लाई जो है वह सरकारी तिजोरी से सीधे बीजेपी और जेडीयू के मंत्री और नेताओं के अकाउंट में पहुंच रहा है."
तेजस्वी यादव ने कहा, " हमने तो कहा ही है कि यह नल जल योजना नहीं, जन धन योजना है. इसमें केवल भ्रष्टाचार का ही खेल हुआ है. यह बात केवल हम ही नहीं कह रहे हैं. अखबारों की सुर्खियों में भी यह बातें कही गई हैं. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में सवाल है कि आखिर क्यों नहीं की गई?"
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी चुनौती
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, " बिहार में ऐसा कोई पंचायत नहीं है, जहां इस योजना के तहत घोटाला ना हुआ हो. कहीं टंकी फट गया तो, कहीं पानी का पाइप टूट जाता है. इस तरह की खबरें लगातार आती रहती हैं. हम मुख्यमंत्री को चैलेंज करते हैं कि आप 50 पंचायत का नाम ही बता दें, जहां यह योजना सुचारू ढंग से काम कर रहा है. हर जगह केवल भ्रष्टाचार है. जेडीयू और बीजेपी के नेताओं को ही केवल कॉन्ट्रैक्ट दिया जा रहा है. अब तो डिप्टी सीएम पर भी आरोप लग रहे हैं."
तेजस्वी ने बताया कि उनके परिजनों की दो कंपनियों को लगभग 53 करोड़ का ठेका दिया गया. हालांकि, इन दोनों कंपनियों को इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं है. ऐसे में ये साफ दिख रहा है कि ठेका किस तरह मैनेज किया गया है. अब ये कैसे हुआ किसने किया ये जांच का विषय है और सरकार को इस पर एक्सप्लेन करना चाहिए. उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदार भी खुद मनाते हैं कि उनके कंपनी के पास कोई अनुभव ही नहीं है. वे खुद मानते हैं कि वो इस योजना के तहत कोई काम नहीं कर रहे हैं. तो फिर राशि कहां गई.
भ्रष्टाचारियों को सीएम नीतीश का संरक्षण
उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, " नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. लेकिन हम साफ कहते हैं कि उनका करप्शन को सौ प्रतिशत संरक्षण है और उसमें पार्टिसिपेशन भी है. इसके पहले भी 70 घोटाले हो चुके हैं. जो ये साबित करता है कि करप्शन को लेकर मुख्यमंत्री का कोई जीरो टॉलरेंस नहीं है. नीतीश कुमार कितना भी भ्रष्टाचार पर सुचिता की बात करें, वो केवल दिखावे के लिए है. बनावटी और मिलावटी है. वो भ्रष्टाचार पर सुविधा का काम कर रहे हैं. कल भी मीडिया के सवालों पर हाथ जोड़कर चले गए."
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