Bihar Politics: नोटों की 'बारिश' कर विवादों में घिरे तेजस्वी यादव, JDU ने बोला हमला, कहा- वोट को नोट क्यों दिखाया
आचार संहिता लागू होने के बाद जनता के बीच नोटों की बारिश करने को लेकर जेडीयू ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोला है और पैसों का लालच देकर चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने का आरोप लगाया है.
पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) गुरुवार को गोपालगंज दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने पूर्व आरजेडी विधायक देवदत्त राय की पुण्यतिथि पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया. उसके बाद उन्होंने रेवतीथ हाई स्कूल के मैदान में जनसभा संबोधित की. इस दौरान तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार (Bihar Government) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला. वहीं, कार्यक्रम खत्म कर पटना लौटने के दौरान उन्होंने रास्ते में मिली कुछ महिलाओं से मुलाकात की और खुद को लालू यादव (Lalu Yadav) का बेटा बताते हुए उनकी आर्थिक सहायता की.
महिलाओं को दिए पैसे
तेजस्वी यादव ने महिलाओं को 500-500 रुपये के नोट दिए और फिर चलते बने. हालांकि, पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद तेजस्वी की ओर से की गई इस हरकत पर सियासत शुरू हो गई है. आचार संहिता लागू होने के बाद जनता के बीच नोटों की बारिश करने को लेकर जेडीयू ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोला है और पैसों का लालच देकर चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने का आरोप लगाया है.
कोई जानता नहीं-पहचानता नहीं
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) September 10, 2021
कौन है ये राजकुमार जिसने आंचल में रुपया गिराया है
घमंड का खुमार इस कुमार पर इतना छाया,
अमीरी-गरीबी का फ़र्क़ बताया
कोई पीछे से लालू का लाल है बताता
भूत के वर्तमान का हाल दिखाता
जाओ बबुआ अपनी पहचान बनाओ
आर्थिक लुटेरे होने का दाग़ मिटाओ pic.twitter.com/lUgV3Hxl11
आर्थिक लुटेरे होने का दाग मिटाओ
पूर्व मंत्री और जेडीयू नेता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ' कोई जानता नहीं-पहचानता नहीं, कौन है ये राजकुमार जिसने आंचल में रुपया गिराया है. घमंड का खुमार इस कुमार पर इतना छाया, अमीरी-गरीबी का फर्क बताया. कोई पीछे से लालू का लाल है बताता, भूत के वर्तमान का हाल दिखाता, जाओ बबुआ अपनी पहचान बनाओ. आर्थिक लुटेरे होने का दाग मिटाओ."
वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, " पीछे से कोई कहता है कि ये लाल उन्हीं का है जिन्होंने उनकी जमीन लिखवा ली थी. बदले उसके चंद नोट के टुकड़े, आंचल में सबके डाल आया था. लालू के लाल से पूछो गरीबी का मखौल क्यों उड़ाया. वोट को नोट क्यों दिखाया इंसानों की मजबूरी का कुछ तो लिहाज़ कर लो. शर्म कर लो बबुआ."
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