Bihar News: बिहार में मकर संक्रांति पर सियासी खेल पर लोगों की नजर टिकी थी लेकिन इस बीच सियासी मेल वाली तस्वीर निकलकर सामने आ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए तेजस्वी यादव ने भले दरवाजा बंद कर दिया है लेकिन एक नेता के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है. मंगलवार (14 जनवरी, 2025) की शाम लालू से मिलने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस पहुंचे. उन्होंने दही-चूड़ा के भोज में शामिल होने के लिए उन्हें निमंत्रण दिया. लालू और पशुपति की मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया.


तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन में आने की अटकलों को पूरी तरह से खारिज किया. उन्होंने कहा, "कि कोई कयास लगाने का मतलब नहीं है. ऐसी कोई बात नहीं है. कोई अगर यह सोच रहा है कि कुछ होने जा रहा है तो ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है. अब सीधा विधानसभा चुनाव होगा. चुनाव में जनता फैसला करेगी. जनता का फैसला सिर आंखों पर."


आरजेडी की ओर से आ रहे अलग-अलग बयान


तेजस्वी यादव के बयान में भले नीतीश कुमार के लिए ना शब्द है लेकिन आरजेडी की ओर से ही अलग-अलग टिप्पणी की जा रही है. लालू यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार को साथ आना चाहिए. हम उनके साथ काम करने को तैयार हैं. उनको अपना दरवाजा भी हम लोगों के लिए खोलकर रखना चाहिए. वहीं लालू के ऑफर पर नीतीश ने कहा था कि हम एनडीए में रहेंगे. कहीं नहीं जाएंगे.


दूसरी ओर मकर संक्रांति पर लालू यादव की बेटी और सांसद मीसा भारती ने भी बड़ा बयान दिया. मंगलवार (14 जनवरी, 2025) को उन्होंने कहा कि बिहार की सियासत में कुछ भी हो सकता है. खरमास के बाद शुभ काम होता है. बीते समय में आप लोगों ने देखा है कि मकर संक्रांति के बाद कैसे चीजें बदली हैं.


पशुपति पारस आते हैं तो और मजबूत होगा महागठबंधन


बता दें कि पशुपति पारस भले एनडीए में हैं लेकिन पिछले (2024) साल हुए लोकसभा चुनाव के वक्त से ही वो महागठबंधन के खेमे में जाने के लिए तैयार दिख रहे थे. एनडीए में जब उनको लोकसभा चुनाव के लिए सीट नहीं मिली थी तो उस वक्त भी खबर आई थी कि उन्होंने लालू यादव से मुलाकात की थी. हालांकि वहां भी सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई थी. ऐसे में इस बार भी बिहार में विधानसभा का चुनाव है तो देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन में पशुपति कुमार पारस की बात बनती है या वे एनडीए में ही रहते हैं.


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