Bihar Politics: महुआ मोइत्रा के 'बिहारी गुंडा' वाले बयान पर तेजस्वी यादव ने दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा
सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद पर ये आरोप लगाया है कि उन्होंने आइटी कमेटी की बैठक में तीन बार उन्हें बिहारी गुंडा कहा. उन्होंने कहा कि शशि थरूर ने संसदीय परंपरा को खत्म करने की सुपारी ले रखी है.
पटना: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के बिहारी गुंडा वाले बयान को लेकर सूबे की सियासत गरमा गई है. सत्ता पक्ष के नेताओं ने टीएमसी सांसद के वक्तव्य की कड़े शब्दों में निंदा की है. वहीं, सांसद से बयान वापस लेने के साथ ही माफी मांगने को भी कहा है. इधर, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए खेद प्रकट किया है. हालांकि, इस पूरे मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बचाव भी किया है.
बिहार महापुरुषों की कर्म भूमि
विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग भी ऐसे बयान देते हैं, उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. ये दुखद है. बिहार लोकतंत्र की जननी है. बिहार महापुरुषों की कर्म भूमि रही है. महात्मा गांधी, बुद्ध, महावीर सभी लोगों ने यहां से काम किया. विश्व का पहला विश्वविद्यालय नालंदा भी यहीं है. बिहार के लोग मेहनती होते हैं, सबसे ज्यादा आईएएस-आईपीएस देश को बिहार ने दिया तो इस तरह देश को बनाने का काम भी बिहार के लोग कर रहे हैं. इसलिए अगर कोई ऐसा बयान देता है तो हम खेद प्रकट करते हैं.
ममता बनर्जी का किया बचाव
हालांकि, इस दौरान उन्होंने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बचाव करते हुए कहा कि ममता बनर्जी या उनके पार्टी का ये बयान नहीं है. ये किसी इंडिविजुअल का बयान है. इसलिए इसपर ज्यादा टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है. मालूम हो कि देवघर से सांसद और बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर ये आरोप लगाया है कि उन्होंने आइटी कमेटी की बैठक में तीन बार उन्हें बिहारी गुंडा कहा. उन्होंने आरोप लगाया कि शशि थरूर ने संसदीय परंपरा को खत्म करने की सुपारी ले रखी है. ये बातें उन्होंने ट्वीट कर कही है.
हालांकि, इस आरोप को टीएमसी सांसद ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें आरोपों पर हंसी आ रही है, जब बैठक में निशिकांत दुबे मौजूद ही नहीं थे तो उन्हें कुछ कहने का सवाल ही कहां से आया. उन्होंने ट्वीट किया, “नेम-कॉलिंग के आरोपों पर मुझे थोड़ी हंसी आ रही है. आईटी की मीटिंग हुई ही नहीं क्योंकि सदस्यों का कोरम ही पूरा नहीं हुआ. मैं कैसे किसी को कोई नाम दे सकती हूं जब वह वहां मौजूद ही नहीं था. अटेंडेंस शीट चेक कीजिए.”
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