पटना: बिहार में इसी महीने दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) होना है. उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. एनडीए (NDA) में जहां सब कुछ सुलझा हुआ दिख रहा. वहीं, महागठबंधन में सीटों के सिरफुटौव्वल जारी है. कांग्रेस और आरजेडी (RJD) के बीच तनातनी को देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे विधानसभा चुनाव में मजबूती से साथ रहने वाली दोनों पार्टियों की राहें उपचुनाव में अलग हो जाएंगी. दरअसल, कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के कांग्रेस (Congress) में आने से पहले ही आरजेडी और कांग्रेस के बीच शीत युद्ध चल रही थी. 


उम्मीदवारों की घोषणा के बाद मचा बवाल


इसी बीच आरजेडी ने उपचुनाव के दोनों सीटों के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी, जिससे कांग्रेस नेता खफा हो गए हैं. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) द्वारा रविवार को तारापुर और कुशेश्वरस्थान के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता और कदवा विधायक शकील अहमद खां (Shakeel Ahmed khan) ने कहा कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. कांग्रेस भी अब दो जगह के उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ रहने पर कांग्रेस की जीत का स्ट्राइक रेट अधिक था. नीतीश बीजेपी (BJP) के साथ छोड़ दें, तो अब भी उनका स्वागत है.


इधर, आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कांग्रेस के नेता शकील अहमद खां पर हमला करते हुए कहा कि वोट हमारा और उम्मीदवार तुम्हारा, ये अब नहीं चलेगा. कांग्रेस के कुछ नेता नीतीश कुमार के इशारे पर खिलाफ बोल रहे हैं. उन्हें स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए. लेकिन अगर कोई हमारे नेता तेजस्वी यादव पर सवाल खड़े करेगा तो यह भी आरजेडी बर्दाश्त नहीं करेगी.


आरजेडी अल्टीमेटम नहीं देती


वहीं, कांग्रेस के अल्टिमेटम पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने कहा, " अल्टिमेटम क्या होता है, यहां फैसला होता है. महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने जो फैसला ले लिया, वो अटल है. आरजेडी अब अपना फैसला नहीं बदलेगी. कुशेश्वरस्थान और तारापुर से आरजेडी द्वारा तय दोनों प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे. पिछली बार कांग्रेस को 70 सीट दिया गया था. इस बार वो हमारे प्रत्याशी का समर्थन करें. हमारे नेता तेजस्वी यादव जल्द कांग्रेस को मना लेंगे.


जेडीयू ने साधा निशाना


इधर, कांग्रेस और आरजेडी के बीच जारी खींचतान पर निशाना साधते हुए जेडीयू (JDU) प्रवक्ता निखिल मंडल (Nikhil mandal) ने कहा कि तेजस्वी घमंड की राजनीति करते हैं और सबको अपने से नीचे मानते हैं. कांग्रेस पार्टी इसी तरह से पिछलग्गू बनी रही तो खत्म होने की ओर बढ़ेगी. तेजस्वी ने कन्हैया के कांग्रेस में आने का बदला लिया है. गौरतलब है कि बीते दिनों कन्हैया के कांग्रेस में आने पर हुए सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कुछ नहीं कहा था. सिर्फ इतना कहा था कि युवाओं को राजनीति में आगे आना चाहिए. ऐसे में कन्हैया और तेजस्वी के बीच चल रहे शीतयुद्ध का नतीजा क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा.



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