Bihar Politics: बिहार बीजेपी के इस फैसले से फिर एक बार गरमाई सूबे की सियासत, जमकर हो रही बयानबाजी
अयोध्या में बन रहे विशाल राम मंदिर के निर्माण के लिए बीजेपी ने बिहार में धन संचय करने का फैसला लिया है. श्री मंदिर ट्रस्ट के तर्ज पर ही बिहार बीजेपी बिहार के आम लोगों से मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा इकट्ठा करेगी और ट्रस्ट को सौंपेगी.
पटना: राम मंदिर और विवादों का पुराना नाता रहा है. राम मंदिर का मुद्दा उठते ही विवाद शुरू हो जाता है, चाहे वो श्री राम के अस्तित्व को लेकर हो, मंदिर की जमीन को लेकर हो या फिर मंदिर निर्माण के लिए फण्ड इकट्ठा करने को लेकर हो. जहां राम मंदिर का नाम आया वहां विवाद होना निश्चित है. हालांकि पुराने सारे विवादों को निपटाने और मंदिर के शिलान्यास के बाद अब नया विवाद शुरू हो गया है. यह विवाद मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाली फंडिंग को लेकर है.
दरअसल, अयोध्या में बन रहे विशाल राम मंदिर के निर्माण के लिए बीजेपी ने बिहार में धन संचय करने का फैसला लिया है. श्री मंदिर ट्रस्ट के तर्ज पर ही बिहार बीजेपी बिहार के आम लोगों से मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा इकट्ठा करेगी और ट्रस्ट को सौंपेगी. बुधवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल की मौजूदगी में आयोजित पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया है. हालांकि, बिहार बीजेपी के इस फैसले पर सूबे में सियासत शुरू हो गई है.
इस फैसले की निंदा करते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी बेरोजगारी दूर करने की बात नहीं करती है, रोजगार का निर्माण कब होगा? भुखमरी बदहाली कब दूर होगी? कोरोना वैक्सिन बिहार को पहले मिलना था उसका क्या हुआ? बीजेपी हमेशा से भगवान राम के नाम केवल राजनीति करने के लिए ही लेती है. भगवान राम सबके हैं वो सिर्फ बीजेपी के नहीं हैं.
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी को पहले श्री राम के चरित्र को अपने आचरण में उतारना चाहिए उसके बाद श्री राम का नाम लें. राम राज तो ये स्थापित नहीं कर पाए. केवल राम नाम जपने से राम राज नहीं आता. इनका मकसद है राम नाम जपना और सत्ता में आना. इन्हें जनता, गरीबों और किसानों के लिए काम नहीं करना है. देश की जनता रो रही है गरीब किसान परेशान हैं पर इसपर उनका ध्यान नहीं है. इसलिए भगवान राम भी अब बीजेपी को बख्शने वाले नहीं है.
इधर, आरजेडी का पलटवार करते हुए जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि कोई भी सामाजिक कार्य होता है चाहे मंदिर निर्माण का हो या मस्जिद निर्माण या किसी भी तरह का सामाजिक निर्माण तो कोई भी संगठन उसके लिए चंदा एकत्रित कर सकता है और लोग अपनी इच्छा और समर्थ के अनुसार चंदा देते भी हैं. उसे इस तरह देखने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि अब जिनकी मानसिक विकृति ही वैसी होगी, वही लोग इसे इस तरह से देखेंगे. इन सभी बातों का बिहार के विकास से कोई लेना देना नहीं है. बिहार की जनता ने अपना मैंडेट एनडीए को दिया है और एनडीए की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास का काम पहले भी कर रही थी और आने वाले पांच वर्षों में भी बिहार के विकास की नई गाथा लिखी जाएगी.
इधर, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बीजेपी बिहार के विकास में लगी है और 15 सालों में हमने बिहार के विकास का काम किया है. राम मंदिर भारत के लाखों लोगों की इच्छा और आकांक्षा का प्रतीक है. राम जी तो भारत के संस्कृति से जुड़े हैं और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है तो उसमें हम सभी का योगदान होगा. हम सभी भागीदार होंगे यह धर्म का विषय है और आम जनता के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण होगा. राम जन्मभूमि पर राम मंदिर भव्य तरीके से बन जाए यह हम सभी चाहते हैं. इसको जाति और धर्म से जोड़कर देखना उचित नहीं है.