पटना: जेडीयू में गहमागहमी की स्थिति बनी हुई है. पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला. कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना कर झुनझुना थमा दिया. एमएलए, एमएलसी और राज्य सभा के एमपी का चुनाव हुआ, लेकिन एक बार भी उनसे सुझाव नहीं लिया गया. अति पिछड़ा समाज की पार्टी के प्रति आकर्षण घटा है. पार्टी इनकी अनदेखी की कर रही है. एमएलसी के पद के नाम पर लॉलीपॉप थमाया गया.


एमएलसी का पद देकर लॉलीपॉप थमाया


कुशवाहा ने एमएलसी बनाए जाने पर कहा कि उपेंद्र कुशवाहा सरकारी नौकरी नहीं कर रहा है. राजनीति कर रहा है. एमएलसी का पद देकर लॉलीपॉप थमा दिया गया है. जेडीयू ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को बहुत इज्जत दी. मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, मुझे एमएलसी बनाया गया. संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद एक झुनझुने जैसा था क्योंकि संसदीय बोर्ड के लिए कोई अधिकार पार्टी के संविधान में नहीं है. कहा कि राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने में मुझे एक पल का भी मलाल नहीं होता है.


कहा कि मुझे तो भारत सरकार में मंत्री पद को छोड़ते हुए भी एक पल का मलाल नहीं होता तो एमएलसी कौन सी बड़ी चीज है. मुख्यमंत्री या पार्टी चाहे तो एमएलसी का पद भी वापस ले सकती है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं दिया. यह हिस्सा वही है जो लालू यादव से साल 1994 में मांगा गया था. आज वही हिस्सा मैं नीतीश कुमार से मांग रहा हूं. अगर वह कहते हैं कि वह स्नेह करते हैं तो वह एक तरफ प्रेम की बात कह रहे और दूसरी तरफ भगा भी रहे हैं. 


डीजीपी और मुख्य सचिव मेरे ऊपर हुए हमले की करें जांच


जेडीयू नेता ने आगे कहा कि मैं चाहता था कि पार्टी के अंदर कोई अति पिछड़ा का सदस्य हो जो डिसीजन मेकिंग कमेटी में शामिल हो, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ. अति पिछड़ा का आर्कषण जेडीयू के प्रति लगातार घट रहा है. सोमवार को खुद के ऊपर आरा में हुए हमले को लेकर भी कुशवाहा ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आरा में मुझपर हमला हुआ. इसका वीडियो है. बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव इसकी जांच करें.


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