पटनाः बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच अंतर्कलह की स्थिति दिख रही है. सोशल मीडिया से लेकर अन्य माध्यमों से बयानबाजी हो रही है. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने धमकी दी कि बीजेपी के 76 लाख कार्यकर्ता जवाब देना जानते हैं तो यह सुनते ही उपेंद्र कुशवाहा के तेवर नरम हो गए. उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया कि वे कुछ बोलकर बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहते हैं. वहीं मंत्री जीवेश मिश्रा ने भी शराबबंदी और तमाम चीजों को लेकर बयान दिया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के सभी लोगों का कर्तव्य बनता है कुछ भी ऐसा ना करें जिससे गठबंधन को कोई नुकसान पहुंचे. इस दृष्टि से हम नया बखेड़ा नहीं शुरू करना चाहते हैं. सम्राट अशोक का जो विषय है उसके संदर्भ में जो कुछ लिखा गया है उस पर मेरी बिल्कुल सहमति नहीं है. औरंगजेब की गाथा को लोगों के बीच ले जाने की बात कर रहे हैं ठीक है, और दूसरा वह कोई एक व्यक्ति जिसको पुरस्कार मिल रहा है सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करता है तो आगे आने वाली पीढ़ी तो उसी उसी अर्थ में सम्राट अशोक को भी लेगी. बीजेपी के कुछ लोग यह बोल रहे हैं तोड़ मरोड़ कर छापा गया है मीडिया में, तो पहले स्पष्ट करें संजय जायसवाल और भारतीय जनता पार्टी के लोग कि उन्होंने टिप्पणी की है कि नहीं की है.
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन होना चाहिए यह मैं भी मानता हूं. एक तरफ बोल भी रहे हैं सम्राट अशोक के बारे में जो भी कहा गया है उनको भी कष्ट है तो इस कष्ट का निवारण कैसे हो उनकी कोशिश होनी चाहिए. मांग का समर्थन नहीं करेंगे तो विरोध जारी रहेगा. यह सब लोगों को मालूम है कि बिहार सरकार की कोई भूमिका पुरस्कार वापसी में नहीं है, तो ऐसा कह कर मामले को डायवर्ट करने की कोशिश हो रही है.
संजय जायसवाल ने फेसबुक पर क्या लिखा था?
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा- ‘चलिए माननीय जी को यह समझ आ गया कि एनडीए गठबंधन का निर्णय केंद्र द्वारा है और बिल्कुल मजबूत है इसलिए हम सभी को साथ चलना है. फिर बार-बार महोदय मुझे और केंद्रीय नेतृत्व को टैग कर न जाने क्यों प्रश्न करते हैं. एनडीए गठबंधन को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए. यह एकतरफा अब नहीं चलेगा. इस मर्यादा की पहली शर्त है कि देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर ट्विटर ना खेलें. टि्वटर टि्वटर खेलकर अगर उन पर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं.’
संजय जायसवाल ने कहा कि हम हरगिज नहीं चाहते हैं कि पुनः मुख्यमंत्री आवास 2005 से पहले की तरह हत्या कराने और अपहरण की राशि वसूलने का अड्डा हो जाए. अभी भेड़िया स्वर्ण मृग की भांति नकली हिरण की खाल पहनकर अठखेलियां कर जनता को आकृष्ट कर रहा है. एक पूरी पीढ़ी जो 2005 के बाद मतदाता बनी है वह उन स्थितियों को नहीं जानती और बिना समझे कि यह रावण का षड्यंत्र है स्वर्ण मृग पर आकर्षित हो रही है. यथार्थ बताना हम सभी का दायित्व भी है और कर्तव्य भी.’
‘सहयोगी दल को टारगेट कर रहे उपेंद्र कुशवाहा’
जीवेश मिश्रा ने कहा कि समीक्षा कोई खराब चीज नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं इसकी समीक्षा की थी और सात घंटे तक लगातार बैठक हुई थी. अवैध शराब बनाने वाले लोग पकड़े जा रहे हैं. शराब के कारोबारी इस समय सहमे हुए हैं, लेकिन इसके बीच भी कतिपय घटना जब घटती है तो स्वाभाविक है उस पर लोकतंत्र में आवाज भी उठती है. सरकार को दोनों ही परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए. सरकार में सरकार के लोग आईना नहीं दिखा रहे हैं. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में अच्छे से सरकार चल रही है. उपेंद्र कुशवाहा जो कुछ बोल रहे हैं, देख रहे हैं जनता दल यूनाइटेड के लोगों के संज्ञान में भी यह विषय है. अब वह क्यों बोल रहे हैं, क्यों सरकार शांति से चल रही है उस में खलल उत्पन्न करना चाह रहे हैं यह तो वही जानें. सरकार में रहकर के सरकार के सहयोगी दल को टारगेट कर रहे हैं.
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