पटनाः जेडीयू (JDU) के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और केंद्र में मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) के इस्तीफे की मांग होने लगी है. कोई और नहीं बल्कि उनकी ही पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने इसको लेकर मंगलवार को बयान दिया है. जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरसीपी सिंह को केंद्र में मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. अगर सदस्यता नहीं है तो नैतिकता होनी चाहिए. जब तक कोई व्यक्ति संसद का सदस्य है तब तक आराम से मंत्री रह सकता है.


आरसीपी सिंह बतौर राज्यसभा सदस्य केंद्र सरकार (Central Government) में मंत्री हैं. उनका कार्यकाल सात जुलाई को समाप्त हो रहा है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरसीपी सिंह आगे क्या करेंगे या पार्टी में क्या भूमिका होगी अभी तय नहीं है. इधर, उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है.


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पार्टी के चार नेताओं पर गिरी है गाज


बता दें कि मंगलवार को ही जेडीयू ने पार्टी के चार नेताओं को बर्खास्त किया है. जेडीयू के प्रदेश अध्‍यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU Umesh Kushwaha) ने पार्टी के प्रवक्‍ता डॉ. अजय आलोक (Dr. Ajay Alok), प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, प्रदेश महासचिव विपिन कुमार यादव और समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज को बर्खास्‍त किया है.


उमेश कुशवाहा ने कहा कि चारों नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्‍त थे. ऐसे में कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जा रहा था जिसको लेकर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. बता दें कि ये चारों नेता केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में देखा जाए तो ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि आरसीपी सिंह का साथ देने वालों के लिए यहां जगह नहीं है.


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