Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा से BJP नेताओं की मुलाकात ने बदल दी सियासी हवा!, पटना में दिखने लगा असर
JDU poster: इन दिनों जेडीयू और उपेंद्र कुशवाहा के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. वहींं, अब उपेंद्र कुशवाहा पोस्टर को लेकर चर्चा में आ गए हैं.
पटना: जेडीयू (JDU) संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) फिलहाल दिल्ली में हैं. रविवार शाम तक पटना आ सकते हैं. इधर जेडीयू के पोस्टरों से उनको बाहर कर दिया गया है. जेडीयू के किसी भी पोस्टर में नजर नहीं आ रहे हैं. दिल्ली एम्स ( delhi AIIMS) में रूटीन चेकअप के लिए उपेंद्र कुशवाहा भर्ती थे. इस दौरान बीजेपी (BJP) नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी, उसके बाद जेडीयू ने यह कदम उठाया है.
जेडीयू मना रही है कई समारोह
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अचानक सुर्खियों में आ गए हैं. जेडीयू 23 जनवरी को महाराणा प्रताप स्मृति समारोह को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के तौर पर मना रही है. 24 जनवरी को जेडीयू की ओर से कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जा रही है. जेडीयू दफ्तर से लेकर चौक-चौराहों पर जेडीयू की ओर से इन कार्यक्रमों को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं लेकिन इन पोस्टरों में उपेंद्र कुशवाहा नहीं दिख रहे हैं. वहीं, सभी प्रमुख नेताओं को पोस्टरों में जगह दी गई है.
कुशवाहा की तस्वीर गायब
24 जनवरी को पटना में जेडीयू की ओर से कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जा रही है. 2024 चुनाव के लिए अति पिछड़ा वोट को साधने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. वहीं जेडीयू 23 जनवरी को महाराणा प्रताप स्मृति समारोह को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के तौर पर मना रही है. राजपूत समाज को साधने की कोशिश कर रही है. इन कार्यक्रमों को लेकर पटना में जेडीयू दफ्तर से लेकर जगह-जगह चौक चौराहों पर पोस्टर लगाए गए हैं. पोस्टर में सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री संजय झा, सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह समेत सभी प्रमुख नेताओं को जगह दी गई है लेकिन संगठन में जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर सभी पोस्टरों से गायब है.
कोई भी व्यक्ति कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र- राजीव रंजन
जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि अब पोस्टरों में कुशवाहा को क्यों नहीं जगह दी गई है. इसकी मुझे जानकारी नहीं है लेकिन कुशवाहा ने ऐसा तो कुछ कहा नहीं है कि मैं बीजेपी में जा रहा हूं. जेडीयू से बाहर हो रहा हूं. नीतीश कुमार बोल चुके हैं कि कोई भी व्यक्ति कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ऐसा नहीं है कि कुशवाहा किसी शर्त के साथ जेडीयू में आए थे.
'बीजेपी में स्वागत है'
बिहार बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जो भी चीजें चल रही हैं वो जेडीयू का अंदरूनी मामला है. बीजेपी को कोई मतलब नहीं है. उनकी तबियत ठीक नहीं थी इसलिए बीजेपी के नेताओं ने मिलकर उनका हाल चाल जाना होगा. ऐसा कोई भी नेता जो जंगलराज का विरोधी है. बिहार का विकास चाहता है, राष्ट्रवाद के लिए समर्पित है, पीएम मोदी की नीतियों से सहमत है उसका बीजेपी में स्वागत है.
कुशवाहा अपनी अनदेखी से हैं नाराज
बता दें उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू में अपनी अनदेखी से नाराज हैं. एनडीए सरकार और महागठबंधन सरकार में नीतीश ने उनको मंत्री नहीं बनाया. डिप्टी सीएम बनने की उनकी इच्छा थी वह भी पूरी नहीं हुई. उपेंद्र कुशवाहा खुद कह चुके हैं कि मैं वह खिलाड़ी हूं जो दो साल से पवेलियन में बैठा है. डिप्टी सीएम बनने के सवाल पर कह चुके हैं कि ना मैं कोई संत और ना मैं कोई मठ में बैठा हुआ हूं. उनके बयानों से पता चलता है कि उनकी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं. उन्होंने अपनी पार्टी 'रालोसपा' का जेडीयू में जब विलय किया था तो नीतीश ने उनको तुरंत एमएलसी बनाय. इसके बाद संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था लेकिन कुशवाहा इससे संतुष्ट नहीं हैं.
काराकाट से लड़ना चाहते हैं चुनाव
कुशवाहा लोकसभा चुनाव 2024 काराकाट से लड़ना चाहते हैं. लेकिन जेडीयू के महाबली सिंह अभी वहां से सांसद हैं. कुशवाहा को यह सीट मिलेगी इसकी उम्मीद भी बहुत कम है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कुशवाहा खुद नया ठिकाना तलाश रहे हैं. अपने लव-कुश समीकरण को मजबूत करने के लिए नीतीश कुमार ने कुशवाहा को साथ लाए थे. जानकारों को अनुसार बिहार में करीब आठ प्रतिशत कुशवाहा हैं.
2015 विधानसभा चुनाव दो सीट पर हुई थी जीत
वहीं, अगर कुशवाहा जेडीयू से जाते हैं तो इससे नीतीश को कितना नुकसान होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन शायद कुशवाहा समाज भी खुलकर उपेंद्र कुशवाहा को वोट नहीं करता यह भी सच है. 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा सिर्फ दो सीट जीती थी, तीन प्रतिशत वोट मिला था.