पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) का जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय करा कर उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बीते कुछ महीनों पहले ही घर वापसी की है. जेडीयू में आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उन्हें संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी, फिर राज्यपाल कोटा से विधान परिषद (Bihar Legislative Council) भेज दिया. पार्टी में आने के बाद से लगातार उनका कद बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में सोमवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी (KC Tyagi) उनसे मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं के मुलाकात के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है.
एक मुलाकात थी जरूरी
इधर, केसी त्यागी से मुलाकात के संबंध में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, " केसी त्यागी से हमारा पुराना संबंध है. हमारी मित्रता रही है, तो स्वाभाविक है कि पटना आने के बाद एक मुलाकात जरूरी है. कल दिन भर बैठक में ही उनका समय बीत गया तो आज सुबह हमने साथ में नाश्ता किया. वहीं, साथ बैठे तो थोड़ी राजनीतिक चर्चा भी हुई."
कॉर्डिनेशन कमेटी है जरूरी
एनडीए में कॉर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा," इसे अचानक उठाई गई मांग कहना मुनासिब नहीं है. सरकार भले बहुत दिनों से चल रही है, लेकिन कॉर्डिनेशन कमेटी की आवश्यकता हमेशा रही है. लेकिन अभी तक कॉर्डिनेशन कमेटी नहीं बनी इसका अर्थ यह नहीं है कि मांग उठनी ही नहीं चाहिए. कॉर्डिनेशन कमेटी जरूरी है और यह मांग भी बिल्कुल दुरुस्त है."
क्यूं बननी चाहिए कॉर्डिनेशन कमेटी ?
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, " हम लोग बिल्कुल असहज नहीं हैं. लेकिन इससे जनता में मैसेज ठीक नहीं जाता. गठबंधन में होने के बाद सभी पार्टियों के नेता के अलग-अलग बयान देने पर कई तरह की बातें होने लगती हैं. अब जैसे जातीय जनगणना की बात है, उसको लेकर बीजेपी के अलग-अलग नेता अलग-अलग तरह के बयान देते रहते हैं. तो इन तमाम चीजों को देखने के लिए और ऐसी स्थिति आगे ना रहे इसके लिए जरूरी है कि कॉर्डिनेशन कमेटी बने जो इन चीजों पर गौर कर सके और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचना संभव हो पाएगा."
मालूम हो कि कल जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने पहुंचे केसी त्यागी ने भी यह मांग उठाई थी. उन्होंने कहा था, " अटल बिहारी वाजपेयी और जॉर्ज फर्नांडिस के समय ऐसा हुआ था और बड़े आसानी से सारा काम होता था. हमें बहुत प्रसन्नता होगी, अगर राष्ट्रीय और राज्यीय स्तर पर एनडीए में कॉर्डिनेशन कमेटी बने. ऐसा होने पर जो बयान कभी-कभी इधर-उधर आते हैं, उन बयानों पर रोक लगेगी और एनडीए में आराम से काम होगा."
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