पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने रविवार को राजस्व मंत्री आलोक मेहता (Alok Mehta) के बयान पर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की शह पर जातीय और धार्मिक आधार पर गोलबंदी के लिए सोची-समझी साजिश के तहत इस तरह के कुत्सित बयान दिए जा रहे हैं. कभी लालू यादव (Lalu Yadav) ने 'भूरा बाल साफ करो' का नारा दिया था. आगे चलकर उनके पुत्र तेजस्वी (Tejashwi Yadav) 'अगड़ों' को गाली दिलवा रहे हैं. आरजेडी और जेडीयू (JDU) दिखावे के लिए नूरा-कुश्ती कर रहा है, किसी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जातीय-धार्मिक उन्माद फैलाने के इस खेल को बिहार की जनता बखूबी समझ रही है.
लालू यादव पर साधा निशाना
विजय सिन्हा ने कहा कि आरजेडी के बयानवीरों को बताना चाहिए कि आजादी की पहली लड़ाई 'सिपाही विद्रोह' के नायक मंगल पांडेय और उसके बाद अंग्रेजों को नाकों चने चबवाने वाले वीर बाबू कुंवर सिंह कौन थे? क्या अंग्रेजों के खिलाफ जंग लालू यादव के जातीय उन्माद पर लड़ी गई थी? क्या सौ वर्षों की जंग-ए-आजादी में असंख्य आहुतियां देने वाले किसी एक जाति और धर्म के लोग थे?
आरजेडी की बुनियाद जातीय उन्माद पर टिकी है- नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आरजेडी की बुनियाद ही जातीय उन्माद और नफरत पर टिकी हुई है. चोर दरवाजे से सत्ता हासिल करने वाला आरजेडी का मकसद एक बार फिर से बिहार को जातीय नफरत की आग में झोंकना है. जंगल और गुंडाराज के खलनायक आरजेडी जाति और धर्म के आधार पर वोटरों का ध्रुवीकरण करने का घृणित प्रयास कर रहा है. वहीं, राज्य में व्याप्त अपराध और भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए यह सारा खेल कराया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा.
'बिहार की जनता बीजेपी के साथ'
आलोक मेहता के इस बयान 'दस प्रतिशत वाले तो अंग्रेजों के दलाल थे और मंदिरों में घन्टा बजाते थे' को नेता प्रतिपक्ष ने घोर आपत्तिजनक और विद्वेषतात्मक करार दिया. उन्होंने कहा है कि इस तरह का बयान देकर मंत्री समाज में सवर्णों और सनातनियों के प्रति नफरत और जहर फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. वहीं, बिहार की जनता बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के साथ है.
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