Bihar Politics: 'तेजस्वी-नीतीश के पास दल चलाने के लिए पैसा कहां से आता है', PK ने तरेरीं आंखें, कहा- मुंह खोला तो...
Prashant Kishor Statement: मंगलवार को बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी तो कई राज्यों में व्यवस्था है. नीतीश और तेजस्वी दल चलाने के लिए पैसे कहां से लाते ये उनसे भी पूछें.
पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर हमलावर हुए. उन्होंने बताया कि बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के पास दलों को चलाने के लिए पैसा कहां से आते हैं. मंगलवार को कहा कि वो बिहार को लूट रहे. यहां की गरीब जनता के साथ धोखा करके उनको लूट खसोट रहे हैं. खुद के बारे में कहा कि हमारे तो दूसरे राज्यों में बनाई व्यवस्था है जहां से पैसे आ रहे. आरजेडी और जेडीयू जैसे दलों को चलाने के लिए उनके पास कहां से पैसे आ रहे ये उनसे ही पूछना चाहिए. हमने मुंह खोला तो किसी की धोती पैजामा नहीं बचेगी.
आरजेडी और जेडीयू के पास कहां से पैसे आते?
एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर की यात्रा की फंडिंग को लेकर पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार में पैसा वहां से आ रहे जहां पर उन लोगों की सरकारें हैं जिनको बनने में हमने कंधा लगाया है. देश में छह राज्य ऐसे हैं जहां की सरकारें बनने में हमने मदद की है. वहीं से मुझे मदद मिल रहा है. ताकि बिहार में ऐसी व्यवस्था बनाई जा सके कि गलत और अमीर लोगों से पैसे लेने की जरूरत न पड़े. आगे कहा कि जब अगली बार तेजस्वी और नीतीश मिले तो उनको पूछेंगे कि उनके पास पैसे कहां से आ रहे. चार्टर्ड प्लेन में बर्थडे केक काटने के पैसे कहां से आ रहे. जेडीयू चलाने के लिए पैसे कहां से आ रहे. हमें तो दूसरे राज्यों से मदद मिल रही उनके पास कहां से पैसे आते हैं.
‘किसी की धोती और पैजामा नहीं बचेगा’
कहा कि मेरा मुंह खुलवा देंगे तो क्या कह सकते. मैंने तो उनके लिए काम किया है. मैंने मुंह खोल दिया तो किसी की धोती और पैजामा नहीं बचेगा. इसलिए जरूरी है कि दोनों दलों के नेताओं से पूछें कि उनके पास दल चलाने के लिए पैसा कहां से आता है. बता दें कि प्रशांत किशोर इन दिनों अपनी पदयात्रा पर बिहार भ्रमण कर रहे हैं. इस दौरान वो गांव गांव जाकर लोगों से मिल रहे और उनकी समस्याएं सुन रहे हैं. साथ ही बिहार सरकार, तेजस्वी और नीतीश पर भी हमला बोलते हैं. अक्सर वह सरकार की पोल खोलते नजर आते हैं.