Bihar Politics: बिहार में होगा खेल... कौन पानी कौन तेल? अमित शाह के बयान पर CM नीतीश की पार्टी का आया रिएक्शन
Amit Shah Bihar Visit: अमित शाह के बयान के बाद से राजनीति शुरू है. बिहार में क्या जल्द चुनाव हो सकते हैं, क्या कुछ होने वाला है? जानिए राजनीतिक विश्लेषक और जेडीयू कैसे देख रही.
पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शनिवार (16 सितंबर) को बिहार दौरे पर आए. झंझारपुर में वे महागठबंधन की सरकार पर खूब बरसे. किसी को तेल तो किसी को पानी बताते हुए खूब वार किए. निशाने पर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रहे. उन्होंने यह भी कह दिया कि बिहार में जल्द चुनाव होंगे. अब शाह के बयान पर राजनीति भी शुरू है. तेल-पानी की चर्चा शुरू हो गई है. नीतीश की पार्टी का भी रिएक्शन आ गया है तो वहीं राजनीतिक विश्लेषक भी इसे अपने नजरिए से देख रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषक आलोक वत्स ने शनिवार को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अमित शाह का जो बयान आया है वो बहुत ही सार्थक है. बिहार में जो अभी की स्थिति है वो बहुत दयनीय हो चुकी है. बिहार गर्त में चला गया है. फिरौती, रंगदारी, लूट-खसोट ये सब अव्वल स्थान पर आ गए हैं. एक खास वर्ग का लालू के शासनकाल में जो दबदबा था वो फिर से देखने को मिल रहा है. तेल आरजेडी है और पानी जेडीयू है. जेडीयू साफ है और तेल खराब कर रहा है.
'ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको नीतीश ने ठगा नहीं'
इस सवाल पर कि क्या नीतीश नाराज हैं? जी20 में जा रहे हैं, पीएम मोदी के साथ मुस्कुराते हुए तस्वीर आई थी. इस सवाल पर आलोक वत्स ने कहा कि नीतीश कुमार कद्दावर नेता हैं. बिहार में मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए 17-18 साल हो गए. उनके बारे में एक कहावत है बिहार में ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नीतीश ने ठगा नहीं. हालांकि बिहार में चुनाव हो जाए ऐसी स्थिति मुझे नहीं दिखती है.
जेडीयू ने कहा- बीजेपी के दलदल में नहीं फंसना है
इस पूरे मामले पर जेडीयू की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई है. इस सवाल पर कि आग धुएं के बिना तो हो नहीं सकती है? जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने अपनी पार्टी के जवाब में कहा कि आग लगाने वाले जानें और धुएं को देखने वाले जानें. अमित शाह बिहार आते हैं और जनता इस उम्मीद से देखती है कि बिहार के हक और हुकूक की बात करेंगे, लेकिन हमेशा जुमला और हमेशा झूठ. राजनीतिक और भ्रष्टाचार की बातें होती हैं. देश की जनता ने मन बना लिया है कि बीजेपी के दलदल में नहीं फंसना है. क्योंकि ये दाग जनता नहीं चाहती है.
अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं, नीतीश कुमार कल भी आईना थे और आज भी हैं. सोचना उनको है जिनके दिल में कुछ और है और शक्ल पर कुछ और. 'इंडिया' नाम पर नीतीश की असहमति थी, पूरे गठबंधन को वो एक मंच पर लाए, संयोजक नहीं बनाया गया. क्या नाराजगी नहीं है? कहीं असहजता तो पैदा नहीं हो रही? अभिषेक झा ने कहा कि बीजेपी को नीतीश कुमार ने छोड़ा, बीजेपी ने नहीं छोड़ा है. नीतीश कुमार और पार्टी की लाइन है कि हमारी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. 'इंडिया' नाम तय हो गया है तो कोई आपत्ति नहीं है.
बिहार में कैसे जल्दी होने वाला है चुनाव?
लालू यादव का दखल तो नहीं बढ़ता जा रहा है, लालू प्रसाद यादव राहुल गांधी के साथ कदमताल कर रहे हैं, चंपारण मीट बना रहे हैं, कोई परेशानी नहीं है? इस पर अभिषेक झा ने कहा कि अच्छी बात है कि इंडिया गठबंधन के नेता मिलकर बात कर रहे हैं. बैठ रहे हैं. ये खूबसूरत तस्वीर है. चुनाव जल्दी कैसे होने वाला है? इस पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में लोकसभा का चुनाव कभी भी हो सकता है, तो अब बीजेपी को लग रहा है कि नीतीश कुमार तो इनकी नब्ज को पहचान गए हैं. ऐसे में ये मुद्दे को भटकाने के लिए यह बात कह रहे हैं.
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