Pashupati Kumar Paras: क्या NDA से अलग होंगे पशुपति कुमार पारस? एक ऐलान से बिहार में सियासी भूचाल
Bihar Politics: पटना में 19 और 20 नवंबर को आरएलजेपी की बड़ी बैठक होगी. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री व आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस बड़ा फैसला लेंगे. श्रवण अग्रवाल ने यह जानकारी दी है.
Pashupati Kumar Paras News: क्या एनडीए से पशुपति कुमार पारस की पार्टी आरएलजेपी (RLJP) अलग होगी? सोमवार (11 नवंबर) को पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल के एक बयान से बिहार में सियासी भूचाल आ गया है. उनके बयान से ही इस तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं. श्रवण अग्रवाल ने सोमवार को पीसी कर कहा कि एनडीए में आरएलजेपी को कमजोर किया गया है. पटना में 19 और 20 नवंबर को आरएलजेपी की बड़ी बैठक होगी. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री व आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस बड़ा फैसला लेंगे.
'हम लोगों ने एनडीए को मजबूत किया... कुर्बानी दी'
हालांकि क्या कुछ निर्णय लिया जाएगा इस पर श्रवण अग्रवाल ने बहुत खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन गंभीर आरोप जरूर लगा गए हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए में आरएलजेपी को कमजोर करने की लगातार साजिश रची जा रही है. हम लोगों ने लगातार एनडीए को मजबूत किया. लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी की अनदेखी की गई. हम लोगों ने बड़ी कुर्बानी दी. हमारे पांच सीटिंग सांसद थे. एनडीए में सीट नहीं मिली इसलिए हमारे सांसदों ने चुनाव नहीं लड़ा.
आगे श्रवण अग्रवाल ने कहा कि बड़ी कुर्बानी देने के बावजूद हम लोगों की अनदेखी की गई. बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद एलजेपी में टूट हो गई थी. पशुपति पारस ने आरएलजेपी नाम से पार्टी बनाई जबकि चिराग पासवान ने एलजेपीआर के नाम से पार्टी बनाई. एलजेपी में टूट के बाद आरएलजेपी में पांच सांसद थे. पशुपति पारस को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया गया था, लेकिन इस बार (2024 के) लोकसभा चुनाव में पारस की पार्टी को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिली. चिराग को दी पांच सीट दी गई. हर सीट पर उनके प्रत्याशी जीत भी गए और चिराग को केंद्र में मंत्री बनाया गया.
आज ही पटना में खाली कराया गया पार्टी का कार्यालय
अब पारस की पार्टी एनडीए में हाशिए पर चल रही है. इसी बीच पार्टी की ओर से आज यह बड़ा ऐलान किया गया है. वहीं दूसरी ओर आज (11 नवंबर) ही पशुपति पारस को पटना स्थित आरएलजेपी का कार्यालय खाली करना पड़ा. बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने कार्यालय को खाली करने के लिए नोटिस दिया था. इसे आज खाली करा दिया गया है. अब देखना होगा कि पशुपति पारस क्या बड़े निर्णय लेने वाले हैं.
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