पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का कल आएगा परिणाम और होगा माननीयों के भाग्य का फैसला. किसकी बनेगी सरकार इसका फैसला भले हीं कल पता चलेगा लेकिन जीत का सेहरा बांधते हीं बिहार के तमाम विधानसभा क्षेत्रों से जीत कर आने वाले विधायकों के पटना में रहने की व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है.बिहार विधान सभा सचिवालय इस तैयारी को लेकर एक्शन मोड में हैं. दरअसल जो तत्कालीन विधायक है और इस बार भी जीत कर आएंगे उनमें से ज्यादातर के पास तो पहले से ही आवास की सुविधा मुहैया है लेकिन सदन की पुरानी परंपरा रही है कि विधानसभा सचिवालय की ओर से जीत कर आने वालों के लिए रहने की व्यवस्था की जाती है तो इसके लिए विभाग तत्पर है. सूत्रों की माने तो नवनिर्वाचित विधायकों को पटना के होटलों में ठहराया जाएगा. विधानसभा की तरफ से इसको लेकर कवायद तेज कर दी गई है और इसके लिए पटना के जिलाधिकारी को पत्र भी भेजा जा चुका है, साथ हीं विधानसभा की तरफ से पटना डीएम को इसके लिए ड्राफ्ट भी जारी कर दिया गया है. दरअसल परंपरा रही है कि विधान सभा सचिवालय माननीयों के लिए विधानसभा सत्र के एक दिन पहले से लेकर सत्र समाप्ति के एक दिन बाद तक रहने की व्यवस्था कराता है और परंपरागत सिलसिला को जारी रखते हुए और पिछले दो-तीन बार के परिणामों को देखते हुए विधानसभा सचिवालय ने 150 विधायकों के ठहरने के लिए लगभग आधा दर्जन होटलों में इंतजाम कराने का आदेश पटना डीएम को दे दिया है. पटना जिलाधिकारी की तरफ से माननीयों के होटलों में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. सूत्र बताते हैं कि इनमें होटल सम्राट मारवाड़ी आवास बासा,होटल इंटरनेशनल, होटल पटना सिटी सेंटर जैसे होटलों में माननीय के लिए आरक्षित करने का पत्र भी भेजा जा चुका है. सूत्रों की माने तो चुनाव परिणाम आते ही विधानसभा सचिवालय, पटना जिलाधिकारी और संबंधित होटल संचालकों के बीच मीटिंग कर विधायकों के रहने की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. नवनिर्वाचित विधायक पटना आने पर विधानसभा सचिवालय के संपर्क करेंगे और वहीं से वरीयता के आधार पर होटलों का कमरा उन्हे आवंटित किया जाएगा. दलअसल विधानसभा कोटे के ज्यादातर आवास में इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है और जो पुराने आवास है वह पुराने सदस्यों के पास हैं जो यदि पराजित होंगे तो खाली करेंगें तब जाकर नए सदस्यों को आवास आबंटित हो सकेगा.



विधान सभा सत्र की तैयारी शुरू



सूत्रों की माने तो विधानसभा सचिवालय की और से विधानसभा सत्र की तैयारी भी शुरू किए जाने की खबर आने लगी है पारंपरिक तौर पर सरकार गठन के बाद सरकार राज्यपाल की अनुमति से सत्र आहूत करती है जिसमें शुरुआत के दो दिन नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ ग्रहण कराया जाता है उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है पिछले सभों को देखें तो आमतौर पर पहला सत्र छ से सात दिनों का होता है