Bihar Polls: 'वोटकटवा' कहे जाने पर चिराग ने BJP नेताओं को दी नसीहत, कहा- शब्दों के इस्तेमाल पर रखें ध्यान
चिराग ने कहा कि गठबंधन धर्म निभाइये, चिराग पासवान को जितना कुछ बोलना है बोलिए पर कम से कम से शब्दों का चयन ठीक से कीजिये.
पटना: बीजेपी नेताओं की ओर से लगातार वोटकटवा कहे जाने से नाराज एलजेपी अध्यक्ष चिरग पासवान ने शनिवार को उन सभी नेताओं को अपने शब्दों के इस्तेमाल पर ध्यान रखने की नसीहत दी है, जो उन्हें वोटकटवा कह रहे हैं. चिराग ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि ऐसी क्या मजबूरी है ? मैं नहीं लगा रहा प्रधानमंत्री की फोटो, मैं नहीं कर रहा ट्वीट. लेकिन मुख्यमंत्री को ऐसा क्या संतुष्ट करने की आप शब्दों की मर्यादा ही भूल जाएं.
कोई नहीं था मेरे साथ
चिराग कहा कि पापा जब अस्पताल में थे तो कोई मेरे साथ नहीं था, मुख्यमंत्री को तो उनके तबीयत की जानकारी तक नहीं थी. उस वक्त प्रधानमंत्री जी ही थे जो मुझे दिन में दो-दो बार कॉल करते थे. ऐसे क्या मैं उनके इन सभी बातों को सिर्फ इसलिए भूल जाऊं क्योंकि मैं एनडीए से अलग हो गया हूं?
बीजेपी महागठबंधन धर्म निभा रही है
उन्होंने कहा कि बीजेपी महागठबंधन धर्म निभा रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री को रोज बीजेपी नेताओं का हाथ जोड़कर धन्यवाद करना चाहिए कि इतने कठिन दौर में भी बीजेपी ने उनका साथ नहीं छोड़ा. केवल इतना ही नहीं रोज इस बात का प्रमाण भी देते हैं कि वो चिराग के विरोध में हैं. लेकिन इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मैं नकारात्मक राजनीति नहीं करता. मैं एक सकारात्मक विजन के साथ आगे बढ़ रहा हूं.
शब्दों का चयन ठीक से कीजिये
लेकिन मेरे पापा के बारे में जिस तरह के बयान आ रहे हैं उन नेताओं की ओर से जो कुछ दिनों पहले तक उनके साथ थे, वो भी किसी और को संतुष्ट करने के लिए यह देखकर दुख होता है. गठबंधन धर्म निभाइये, चिराग पासवान को जितना कुछ बोलना है बोलिए पर कम से कम से शब्दों का चयन ठीक से कीजिये. ये मैं तमाम नेताओं से कहना चाहता हूं जो मेरे लिए वोटकटवा शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.
श्रेयशी मेरी बहन है, इसलिए उससे शुरुआत की
जमुई विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार श्रेयशी सिंह के समर्थन में वोट मांगने की अपील के संबंध में कहा कि केवल 5 सीटों को छोड़कर मैं सभी सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन कर रहा हूँ और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी यह अपील की है कि वो उनका साथ दें. जिन पांच सीटों पर मैंने बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं वो मेरी मजबूरी है क्यूंकि वहां से पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले ही तैयारी कर चुके थे और दो तो हमारा सीटिंग सीट है. श्रेयशी मेरी बहन है, इसलिए उससे शुरुआत की है.
21 तारीख से चुनाव प्रचार की होगी शुरुआत
चुनाव प्रचार के संबंध में उन्होंने बताया कि दो दिन के बाद 21 तारीख से चुनाव प्रचार की शुरुआत होगी क्योंकि अभी कुछ विधि-विधान बाकी है. इस बार का चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव होगा. आने वाले दशकों तक इस चुनाव को उदाहरण के तौर पर देखा जाएगा. चुनाव रोचक जरूर है, लेकिन इसके परिणाम को लेकर मैं क्लियर हूं. मौजूदा मुख्यमंत्री 10 नवंबर के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे इसको लेकर मैं निश्चिंत हूं. प्रदेश में भाजपा-लोजपा की डबल इंजन सरकार बनेगी.
जेडीयू के नहीं खुलेगा खाता
बीजेपी की ओर से लगातार नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए संख्या भी आनी चाहिए न. लेकिन जनता के मन में मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रति नाराजगी है. क्या जनता त्राहिमाम नहीं है? क्या वो बदलाव नहीं चाहती है? जब संख्या ही नहीं आएगी तो कैसे मुख्यमंत्री बनेंगे? सुशील मोदी कह रहे हैं कि संख्या कितनी भी कम हो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे. लेकिन जब खाता ही नहीं खुलेगा तो मुख्यमंत्री कैसे बनेंगे. जेडीयू इस बार दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी.