पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सीट बंटवारे की घोषणा के लिए मंगलवार को की गई एनडीए की पीसी में सीएम नीतीश कुमार बिहार के दोनों युवा नेता चिराग पासवान और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमलावर दिखें. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा बेवजह बहुत सारी बातें की जाती हैं. लेकिन मैं उनसब का महत्व नहीं देता हूं. सबको मालूम है 15 साल में क्या हुआ और उससे पहले क्या स्थिति थी. हत्याएं, सामूहिक नरसंहार, दंगे क्या नहीं होता था? कहीं सड़क था? स्कूल था? क्या हाल थी कॉलेज की? सैलरी टाइम पर नहीं मिलता था. हमने सब सही किया. हर क्षेत्र में न्याय के साथ विकास किया.


कोरोना की बात अलग


उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति दूसरी तरह की है. लेकिन हमने जो काम वो कितना अच्छा है. बिहार में कोरोना जांच का आंकड़ा देश के एवरेज से ज्यादा है. प्रति 10 लाख लोग पर जांच संख्या में हमलोग आगे, मृत्यु दर कम है, रिकवरी रेट अधिक है. लेकिन फिर भी लोग बहुत तरह की बात बोलते हैं.


मैं प्रवासी शब्द का पक्षधर नहीं


प्रवासी शब्द पर अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि जो लोग बाहर से आए, जिनको प्रवासी कहते हैं, मैं प्रवासी शब्द का पक्षधर नहीं हूं. मैं शुरू से कहते आया हूं कि देश एक है और इसके अंदर आवागमन करने वाले को प्रवासी कहना उचित नहीं है. हर किसी का यह अधिकार है. सारे लोग जाते हैं. बिहार में क्या दूसरे राज्य के लोग नहीं हैं? लोगों को ठीक से मालूम नहीं है या पता नहीं है. केरल और महाराष्ट्र के लोग बिहार में हैं की नहीं हैं ? कुछ लोगों को ठीक से पता नहीं है.


जनता मालिक है, उसे ही तय करना है


सीएम नीतीश के कहा कि सभी आते-जाते हैं, लेकिन जब उन्हें परेशानी हुई तो सरकार ने उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की. सबके लिए अलग-अलग व्यवस्था की. उनपर प्रति व्यक्ति 5300 खर्च किया. केंद्र ने भी बहुत मदद की. लेकिन लोगों को मालूम कुछ रहता नहीं है, केवल बात करते हैं. तो एक बात है कि हमलोगों का काम है सेवा करना और अपने काम के आधार पर जनता के बीच दोबारा जाकर उनकी सेवा करने का अवसर मांगेंगे. जनता मालिक है, उनको तय करना है.


कुछ लोगों की बातों पर आती है हंसी


उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा किस-किस तरह का बयान दिया जाता है. मुझे तो आश्चर्य होता है. आज तो मैंने अखबार में देखा जिसका जेडीयू से कोई रिश्ता नहीं है, उसने आज खत दिया है कि आरजेडी जॉइन कर लिया. वो जेडीयू में है ही नहीं लेकिन फ़ोटो छपा है. कुछ चीजों को देखकर मुझको दुख नहीं होता है. सवेरे मेरी आदत है अख़बार पढ़ने की तो जब ऐसा करता हूं तो कुछ चीजों को देखकर हंसी आती है. लेकिन कोई क्या बोलता है इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है. हमलोग मिलकर काम कर रहे हैं. मौका मिला तो आगे भी वही करेंगे.


बयानों में मेरी कोई रूचि नहीं


एलजेपी और चिराग से संबंधित सवालों पर कहा कि कौन क्या कहता है, इसमें मेरी कोई रूचि नहीं है, जिसको जो मन है बोलता रहे. लेकिन रामविलास पासवान जी जल्द स्वस्थ हों ये हम सब चाहते हैं. उनसे हमारा पुराना लगाव है. लेकिन आप पूछ रहे मुझसे तो यह बताएये रामविलास पासवान जी क्या राज्यसभा बिना जेडीयू के मदद के पहुंचे? कितना सीट है बिहार विधानसभा में ? केवल दो ही है. बीजेपी और जेडीयू ने ही टिकट देकर उन्हें राज्यसभा पहुंचाया, बातों से मुझे कोई मतलब नहीं है. हमलोग हमेशा से सहयोग करते रहे हैं. लेकिन किसी के मन में क्या बात है इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है.