दरभंगा: बिहार के दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के प्रत्याशी मशकूर अहमद उस्मानी ने लाख विरोध होने के बाबजूद सोमवार को अपना नामांकन किया. कांग्रेस नेता के नामांकन से पहले एक विशाल रैली निकली गई, जो लहेरियासराय स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय से होते हुए लहेरियासराय टावर तक पहुंची.


मेरी चिट्ठी का अबतक नहीं आया जवाब


नामांकन करने के बाद मशकूर अहमद उस्मानी ने भाजपा और नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने नीतीश कुमार को प्रोपगंडा की सरकार कहते हुए कांग्रेस और तेजस्वी यादव की तारीफ की. वहीं जिन्ना प्रकरण को प्रायोजित बताते हुए पूरे प्रकरण से अपना पल्ला झाड़ा कहा आज तक मेरी चिट्ठी का जवाब पीएमओ से नहीं मिला है.


मशकूर ने बताया अपना चुनावी मुद्दा


इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव में उनके चार मुद्दे हैं, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और किसानों की समस्या है. अगर वे विधायक चुने जाते हैं तो जिले को 100 फीसदी शिक्षित करने का काम करेंगे. साथ ही स्वास्थ्य और किसानों की समस्या को भी दूर करेंगे.


कौन हैं मशकूर अहमद उस्मानी?


मालूम हो कि दरभंगा निवासी मशकूर अहमद उस्मानी को संविधान संशोधन अधिनियम 2019 और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ विरोध करने के लिए जाना जाता है. वे 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे. उन्होंने अजय सिंह को 6,719 वोटों से हराया था.


2018 में, उन्होंने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें एएमयू में आमंत्रित किया था. 2019 में उन्होंने सीएए-एनआरसी, भारतीय नागरिकता अधिनियम, 2019 में संशोधन के खिलाफ अभियान शुरू किया था. ऐसे में जब बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उस्मानी को जाले सीट से अपना उम्मीदवार बनाया तो विवाद शुरू हो गया.