हाजीपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में गठबंधनों का स्वरूप बदलने से टिकट की उम्मीद लगाकर बैठे कई नेताओं और सीटिंग विधायक के चुनाव लड़ने के अरमान पर पानी फिर गया है. ऐसे में कुछ नेताओं ने पार्टी के फैसले को मान लिया है, जबकि कुछ ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.


भाजपा के कोटे में चली गई सीट


इसी क्रम में जेडीयू के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला ने सोमवार को लालगंज विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है. दरअसल, एनडीए सीट बंटवारे में लालगंज सीट भाजपा के कोटे में चली गई है, जिसके बाद नाराज मुन्ना शुक्ला ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया.


जेडीयू पर धोखा देने का लगाया आरोप


हालांकि, नामांकन के बाद मुन्ना शुक्ला का दर्द छलका और उन्होंने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाया. मुन्ना शुक्ला ने कहा कि पहली बार 7 दिन की सरकार बनाने के समय से मैं पार्टी से जुड़ा रहा हूं. बावजूद इसके पार्टी ने टिकट नहीं दिया. जेडीयू ने मुझे धोखा दिया है, अब लालगंज की जनता उनको सबक सिखाएगी. वहीं, पार्टी छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है. पार्टी ने टिकट नहीं दिया इसलिए निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं.