सुपौल: विवादों के बीच बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है. दरसअल, सुपौल विधानसभा क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी बिजेंद्र यादव के शपथ पत्र में त्रुटि को लेकर निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार सिंह ने सुपौल निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीएम मनीष कुमार और जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार को बुधवार को आवेदन दे कर बिजेंद्र यादव का नामांकन रद्द करने की मांग की थी.
निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार सिंह ने कहा था कि नामांकन के पूर्व जो 10,000 रुपये की जमानत राशि जमा की जाती है, वह राशि बिजेंद्र यादव ने जमा नहीं की है. साथ ही मंत्री बिजेंद्र यादव ने अपने शपथ पत्र में मेला कमेटी के पदेन सदस्य होने के नाते नगर परिषद का राष्ट्रीय सार्वजनिक मेला समिति के ऊपर लाखों रुपया का बकाया नहीं दर्शाया है.
इधर, जिला जनता दल यूनाइटेड के जिला प्रवक्ता ओम प्रकाश यादव ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि मेला समिति के अध्यक्ष जिला पदाधिकारी होते हैं. वहीं उपाध्यक्ष उप विकास आयुक्त होते हैं और जो भी बकाया मेला समिति पर होता है उसका जिम्मेवार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते हैं. इसमें पदेन सदस्य की कोई सहभागिता नहीं होती है. उनके ऊपर बकाया नहीं माना जाएगा.
जमानत की राशि के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमलोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय जाकर 10000 रुपये जमा किया था, जिसके बदले मुझे रसीद प्राप्त हुआ. अब उस पर क्या लिखा था उसकी जिम्मेवारी मेरी नहीं है. सारी जिम्मेवारी अनुमंडल कार्यालय की है
इधर, अनिल सिंह ने कहा है कि अगर बिजेंद्र यादव का नामांकन पत्र निर्वाची पदाधिकारी द्वारा अस्वीकृत नहीं किया गया तो मैं उच्च न्यायलय या उच्चतम न्यायालय जाऊंगा. हालांकि, नामांकन स्वीकृत होने के संबंध में निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीएम मनीष कुमार ने कहा कि निर्दलीय प्रत्यासी द्वारा लगाया गया आरोप वैध नहीं था. चुनाव नियमों के तहत सारी प्रक्रिया देर रात संपन्न हो गई और नामांकन को सही माना गया.