(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार: हथकड़ी वाले हाथों ने थामी कलम, गोपालगंज में बंदियों ने शुरू की BA और MA की पढ़ाई
जेल में करीब 200 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं. इससे जहां उनका दृष्टिकोण बदलेगा वहीं उनकी साकारात्मक सोच में अंतर आएगा. जेल में दस से अधिक विषयों पर पढ़ाई करवाई जा रही है.
गोपालगंजः बिहार का गोपालगंज जेल कभी कुख्यात कैदियों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यहां सब कुछ बदल गया है. यहां जेल में बंद कुख्यात कैदी अपराध की बात नहीं करते बल्कि वे जेल परिसर में ही शिक्षा लेकर भविष्य संवार रहे हैं. बंदियों में पढ़ाई की रूचि इस कदर बढ़ी है कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक एडमिशन में पहले स्थान पर चनावे स्थित गोपालगंज मंडल कारा पहुंच गया. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.
डीएम ने बताया कि चनावे जेल के 131 बंदी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 10वीं और 12वीं की शिक्षा ले रहे हैं, जो पूरे प्रदेश के जेलों में सर्वाधिक संख्या है. इनमें एमए से लेकर बीए और कई व्यवसायिक कोर्स शामिल हैं. इस पढ़ाई से जहां उन्हें नई दिशा मिलेगी, वहीं जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें रोजगार मिल सकेगा.
जेल में 200 बंदी कर रहे पढ़ाई
डीएम ने कहा कि बंदियों को हायर एजुकेशन में दाखिला दिलवाकर उन्हें नई दिशा दी जा रही है. जेल में करीब 200 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं. इससे जहां उनका दृष्टिकोण बदलेगा वहीं उनकी साकारात्मक सोच में अंतर आएगा. जेल में दस से अधिक विषयों पर पढ़ाई करवाई जा रही है. जिसके तहत एनआईओएस और इग्नू में एडमिशन हो चुके हैं.
इग्नू से पढ़ाई कर रहे हैं 17 बंदी
इंदिरा गांधी ओपेन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से 17 बंदी पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें सर्टिफिकेट इन गाइडेंस में चार, फूड एवं न्यूट्रीशन सर्टिफिकेट में चार, ऑरगेनिक फॉर्मिंग में दो, स्नातकोत्तर में एक, स्नातक में पांच और पर्यटन सर्टिफिकेट कोर्स में बंदियों ने एडमिशन लिया है. इग्नू की ओर से निश्शुल्क सभी कोर्स रखे गए हैं.
बंदियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण
चनावे जेल के बंदियों को आरसेठी की तरफ से व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया गया है. प्रशिक्षण पानेवाले महिला बंदी स्वेटर बुनाई, बागवानी, अगरबत्ती निर्माण का कार्य रहीं हैं. फिलहाल 16 व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए बंदियों का चयन किया जा रहा है.
बालवाड़ी : खेल-खेल में शिक्षा
महिला बंदियों के साथ रहनेवाले बच्चों को पेंसिंल और मनोहर पोथी आदि दी जा रही है. महिला कक्षपाल इन्हें पाठ्यसामग्री और खिलौना के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षण का कार्य करती हैं. बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जा रही है.
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