पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए पांच साल होने वाले हैं. एक अप्रैल को कानून लागू हुए पूरे पांच साल हो जाएंगे. लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी सूबे में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. रोजाना शराब की बड़ी-बड़ी खेप जब्त की जाती है, जिस वजह से बिहार सरकार की किरकिरी होती है. इसी क्रम में शुक्रवार को मद्यनिषेध विभाग की ओर से एक आंकड़ा जारी किया गया है. विभाग की ओर से जारी ये आंकड़ा चौंकाने वाला है.


मद्यनिषेध विभाग के संयुक्त आयुक्त कृष्ण पासवान की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में साल 2016 में 1 लाख 65 हजार 35 लीटर देशी और विदेशी शराब जब्त की गई, साल 2017 में ये आंकड़ा बढ़कर 3 लाख 26 हजार 366 लीटर पहुंच गया. साल 2018 में 6 लाख 41 हजार 617 लीटर अवैध शराब की खेप बरामदगी हुई.


जारी आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि मद्यनिषेध विभाग शराब तस्करों पर नकेल कसने को तत्तपर है, बाबजूद इसके शराब तस्कर अवैध शराब की तस्करी से बाज नहीं आ रहे हैं. इस पूरे मामले पर मधनिषेध विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण पासवान ने बताया कि विभाग पटना जिले में एक सप्ताह तक लगातार कार्रवाई करेगी.


उन्होंने बताया कि वैशाली और मुजफ्फरपुर जिले में भी टीम करवाई कर रही है, जिसका नतीजा देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री के आदेश पर अवैध शराब की तस्करी पर नकेल कसने को लेकर कार्रवाई में तेजी लाई गई है. बता दें कि जनवरी और फरवरी महीने में शराबबंदी कानून तोड़ने वाले कुल 1700 लोगों की गिरफ्तार हुई है. वहीं, बिहटा में छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में जमीन के अंदर गाड़ कर रखी गयी देशी शराब बरामद की गई है.


सहायक आयुक्त ने कहा कि मद्य निषेध विभाग एक नई एसओपी तैयार कर रही है. साथ ही इसके इंटेलिजेंस को और मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है.


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