पटना: बिहार के ग्रामीणों के लिए एक बड़ी खुशखबरी कि अब हर गांव के जमीन मालिकों का नाम और उनके द्वारा धारित जमीन का ब्यौरा चकबन्दी निदेशालय के वेबसाइट उपलब्ध होगा.अब जमीन के बही खातों से मिलेगी मुक्ति और बस एक क्लिक पर कोई भी शख्स यह जान जाएगा कि किसी गांव में एक चक का रकबा कितना है और इसका मालिक कौन है.



चकबन्दी पूरा होने के बाद म्युटेशन सहित राजस्व के सारे काम इसी के जरिए संपादित किए जाएगें और इससे भू-अर्जन में भी आंकड़े जुटाने में सरकार को सहूलियत होगी. इस बात की जानकारी देते हुए चकबन्दी निदेशक ने कहा कि जल्ह ही चकबंदी निदेशालय का वेबसाइट बनकर तैयार हो जाएगा. भूमि सर्वेक्षण के तत्काल बाद चकबन्दी शुरू होगी. भूमि सर्वेक्षण का आउटपुट ही चकबन्दी का इनपुट होगा.


भूमि सर्वेक्षण के बाद उपलब्ध कराए गए मानचित्र एवं खतियान के आधार पर ही चक काटने का काम होगा. इस प्रकार चकबन्दी के बाद संबंधित मौजों में प्लॉटों की संख्या काफी कम हो जाएगी. खतियान भी नया बन जाएगा. मंगलवार को शास्त्रीनगर स्थित बिहार सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में बिहार के सभी पांच जिलों में काम कर रहे चकबन्दी पदाधिकारी जुटे थे.


इस दौरान चकबन्दी में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पारदर्शिता, एकरुपता एवं संपूर्णता सुनिश्चित करने पर विचार किया गया. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव-सह-निदेशक, चकबन्दी ने कहा कि इसका उद्देश्य जमीन का बेहतर प्रबंधन, भू-विवादों को कम-से-कम करना और सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. सरकार को उम्मीद है कि चकबन्दी पूरा होने के बाद उद्योग धंधो को आकर्षित करने में मदद मिलेगी.