Tanishq Robbery Case: तनिष्क लूटकांड में IG शिवदीप लांडे का बड़ा एक्शन, निशाने पर आए एसडीपीओ और थानाध्यक्ष
Tanishq Robbery Case: दो महीने बीत जाने के बाद भी तनिष्क लूटकांड मामले में अभी तक मुख्य साजिशकर्ता पर कार्रवाई नहीं हो पाई है. इस लूटकांड में अभी तक आभूषण भी बरामद नहीं हो पाया है.
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IG Shivdeep Lande Major Action: पूर्णिया रेंज के आईजी शिवदीप लांडे ने तनिष्क लूटकांड मामले में बड़ा एक्शन ले लिया है. दो महीने बीत जाने के बाद भी तनिष्क लूटकांड में अभी तक आभूषण बरामद नहीं होने और लूटकांड के मुख्य साजिशकर्ता पर कार्रवाई नहीं होने पर आईजी ने पूर्णिया सहायक खजांची थाना के प्रभारी सहित थाना के सभी कर्मी पर कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया. इस मामले में पूर्णिया के सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए उनकी भूमिका संदिग्ध बताई गई है.
पुलिस पदाधिकारी और कर्मी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह
पूर्णिया आईजी शिवदीप लांडे ने पत्र जारी करते हुए लिखा है कि "दिनांक-20.07.2024 को पूर्णिया जिला के सहायक थानान्तर्गत तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में दिन के करीब 12:00 गजे अज्ञात अपराधियों ने तनिष्क ज्वेलरी के स्टाफ को बंधक बनाकर लूट की घटना की, जिसमें दर्ज प्राथमिकी के अनुसार कुल तीन करोड़ सत्तर लाख रुपये का ज्वेलरी और एक स्टाफ का मोबाईल (दो सिम लगा हुआ) लूट लिया गया. तनिष्क ज्वेलरी पूर्णिया शहर के बीचो-बीच एवं भीड़-भाड़ वाले इलाके में अवस्थित है, जहां से दिन दहाड़े अपराधियों जरिए लूट किया जाना संबंधित थाना के थानाध्यक्ष सहित उक्त थाना के सभी पुलिस पदाधिकारी और कर्मी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है.
थाना में गश्ती हेतु चार पहिया वाहनों के अतिरिक्त मोटरसाईकिल गश्ती की भी सुविधा दी गई है, लेकिन घटना के समय आस-पास पुलिस की किसी प्रकार की गश्ती नहीं पाई गई थी. इसके अलावा घटना के दो माह से अधिक बीत जाने के बावजूद इस लूट के घटना में कार्रवाई के नाम पर अभी तक 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी तथा 02 देशी कट्टा, 04 गोटरसाईकिल बरामद किया गया है. लूटी गई ज्वेलरी में से अभी तक सिर्फ एक हीरे की अंगूठी की चरागदगी हुई है, जो बरामदगी के नाम पर खानापूर्ति प्रतीत होता है. साथ ही कांड में लूटा गया मोबाईल भी अभी तक बरामद नहीं हुआ है और न ही कांड के मुख्य साजिशकर्ता के विरूद्ध कोई कार्रवाई की गई है.
एसडीपीओ पुष्कर कुमार की भूमिका संदिग्ध- लांडे
पत्र में आगे लिखा गया है कि इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद इस प्रकार का उदासीन रवैया थानाध्यक्ष, सहायक थाना एवं थाना के सभी पदाधिकारी/कर्मी के मनमानेपन को दर्शाता है. साथ ही थानाध्यक्ष का अपने क्षेत्र में आसूचना संकलन में भी विफल है एवं थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण में भी इनकी रूचि नहीं है. इस संबंध में क्यों न थानाध्यक्ष, सहायक थाना एवं थाने में पदस्थापित सभी पुलिस पदाधिकारी/कर्मी के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाए. उक्त घटित घटना के संबंध में अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी पुष्कर कुमार, सदर-1, पूर्णिया की भी भूमिका संदिग्ध है, पुष्कर कुमार ने कांड में लूटी गई ज्वेलरी की बरामदगी में भी कोई रूचि नहीं दिखाई है, जो खेदजनक है.
शिवदीप लांडे ने ये भी लिखा कि इनके कार्य के प्रति उदासीनता, नेतृत्व की अक्षमता एवं संदिग्ध आचरण के लिए क्यों न मुख्यालय को इनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाए? अतः निर्देश है कि उक्त कांड की समीक्षा करते हुए उपरोक्त सभी तथ्यों पर स्वयं जांच कर अपने स्पष्ट मंतव्य के साथ जांच प्रतिवेदन जल्द अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
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