(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार: सात महीने बाद भी भुगतान नहीं होने से नाराज क्वारंटाइन सेंटर संचालकों ने किया प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ लगाए नारे
नाराज क्वारंटाइन सेंटर के संचालकों का आरोप है कि सेंटर के संचालन में उन लोगों ने अपनी पूंजी लगा दी, लेकिन अभी तक उस राशि का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है. इसके चलते वे लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.
सुपौल: कोरोना से बचाव को लेकर कोरोना काल में सरकार द्वारा बाहर से आ रहे लोगों के रहने के लिए बड़े पैमाने पर क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई थी. कई स्कूलों और भवनों में क्वारंटाइन सेंटर बनाया था. अब इस फेज को बीते सात महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार द्वारा क्वारंटाइन सेंटर के संचालकों को भुगतान नहीं किया गया है, जिससे संचालक आक्रोशित हैं.
विभागीय दफ्तर का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके संचालकों ने मंगलवार को एनएच-106 पर पिपरा प्रखंड कार्यालय के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. नाराज क्वारंटाइन सेंटर के संचालकों का आरोप है कि सेंटर के संचालन में उन लोगों ने अपनी पूंजी लगा दी, लेकिन अभी तक उस राशि का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है. इसके चलते वे लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र के संचालन की राशि के भुगतान के लिए सरकार और विभाग द्वारा जो भी मानक तय किया गया उसे वे लोग पूरा कर चुके हैं, बाबजूद इसके राशि का भुगतान नहीं किया जाना विभागीय मंशा को जाहिर कर रहा है. आक्रोशित लोगों ने ये भी आरोप लगाया कि स्थानीय सिओ और जिला आपदा विभाग की उदासीनता के कारण उनका भुगतान अटका हुआ है.
इधर, जाम की सूचना पाकर पिपरा बीडीओ लवली कुमारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने वरीय अधिकारी से मोबाइल पर बात कर जाम कर रहे क्वारंटाइन सेंटर संचालकों को आश्वासन दिया कि 30 तारीख तक उनलोगों का भुगतान किया जाएगा, जिसके बाद जाम हटाया गया.
मालूम हो कि अप्रैल माह में सरकार के आदेश से क्वारंटाइन सेंटर का संचालन करवाया गया था. सेंटर के संचालन में विभिन्न मदों में केंद्र संचालक का लाखों रुपया खर्च हुआ है. विभाग द्वारा संचालकों को ये आश्वासन मिला था कि बिल बनाकर दीजिये भुगतान किया जाएगा, लेकिन बिल देने के सात महीने गुजर जाने के बाद भी संचालक भुगतान के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
सूत्रों की माने तो पिपरा प्रखंड क्षेत्र में करीब 28 क्वारंटाइन सेंटर का संचालन किया गया था, जिसमें से कुछ संचालकों को कुछ मदों की राशि का भुगतान किया भी गया. लेकिन अधिकांश मदों के भुगतान के लिए आज भी क्वारंटाइन सेंटर के संचालक चक्कर काट रहे हैं.