Dalit Army Workers Protest In Patna: रामविलास पासवान की पुरानी विंग दलित सेना के कार्यकर्ताओं ने दफादार चौकीदार के आश्रितों को बहाली और दफादार चौकीदार की बहाली में प्रक्रिया पहले की तरह करने की मांग को लेकर मंगलवार (23 जुलाई) सड़क उतरे. आज विधानसभा घेराव के लिए कार्यकर्ता गांधी मैदान के कारगिल चौक से निकले थे, लेकिन जेपी गोलंबर पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. काफी देर तक हंगामा करने के बाद अंत में पुलिस ने बल प्रयोग कर लाठीचार्ज किया, जिसमें दलित सेना के एक कार्यकर्ता घायल हो गए.


क्या है दलित सेना के कार्यकर्ताओं की मांग?


कार्यकर्ताओं की मांग है कि दफादार चौकीदार की बहाली में 90% से ज्यादा पासवान समाज के लोग रहते हैं, लेकिन अब उसकी बहाली की प्रक्रिया जटिल कर दी गई है. उसे उसे समाप्त करके पहले की तरह बहाली किया जाए. साथ ही जो दफादार चौकीदार की जो आश्रित हैं, उनको भी बहाल किया जाए. यह मांग पासवान समाज के लोग काफी पहले से उठते रहे हैं.


कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसी मुद्दे को लेकर मिले थे और आज दलित सेना के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. अपनी मांग को लेकर ये लोग विधानसभा का घेराव करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके. बीच में ही दलित सेना के कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हो गई. पुलिस इन्हें रोकने लगी तो कार्यकर्ता विधानसभा जाने के लिए आगे बढ़ने लगे और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने इन पर लाठियां बरसा दीं, जिसमें एक बुजुर्ग कार्यकर्ता घायल हो गए उनके सिर से खून निकलने लगा, किसी तरह उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


पटना में पासवान समाज का जोरदार प्रदर्शन


बता दें आज मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में हंगामें का दिन रहा. सड़क से लेकर सदन तक बवाल मचा रहा. उधर सदन में मानसून सत्र के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर विपक्ष की विधानसभा में नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी होती रही तो इधर सड़क पर पासवान समाज के लोग अपनी मांगों के लेकर विधानसभा घेराव पर अड़े रहे और जोरदार प्रदर्शन किया. होम गार्ड अभ्यर्थी, दफादार चौकीदार, और पासवान समाज के लोगों ने पटना के कारगिल चौक पर जमकर हंगामा किया.


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