पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार बिहार के मुखिया नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. काफी दिनों बाद नए साल में बिहार वापस लौटे तेजस्वी यादव ने मध्यावधि चुनाव का दावा कर सूबे के पारा बढ़ा दिया था. वहीं, अब उनके द्वारा नीतीश कुमार को 'ब्लैकमेलर' कह कर बुलाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है.


पहले ब्लैकमेलर की सीखें स्पेलिंग


जेडीयू ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात पर आपत्ति जताई है और ये कहा कि नीतीश कुमार को 'ब्लैकमेलर' बोलने वाले पहले 'ब्लैकमेलर' की स्पेलिंग सीख लें. फिर बयानबाजी करें. बता दें कि सोमवार को जेडीयू कार्यालय में पीसी आयोजित की गई थी. इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिना तेजस्वी का नाम लिए उन्हें बोलने से पहले 'ब्लैकमेलर' की स्पेलिंग सीखने की सलाह दी.


काम करने वाले हैं नीतीश कुमार


साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ब्लैकमेलर नहीं बल्कि काम करने वाले हैं. जो आरोप लगा रहे हैं. वो भी इस बात को जानते हैं. आरसीपी सिंह ने कहा कि विरोधी दल के नेता ने पहली कैबिनेट की बैठक में दस लाख नौकरी देने का दावा किया था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. अब नीतीश जी ने पहले कैबिनेट में पांच साल में 20 लाख रोज़गार सृजन की बात कही है. इस ओर काम भी किया जा रहा है.


तेजस्वी यादव ने कही थी ये बात


गौरतलब है कि लंबे समय बाद बिहार लौटे तेजस्वी यादव ने रविवार को पीसी की थी, जिसमें उन्होंने सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा था कि नीतीश ने बिहार का विनाश किया है. नीतीश कुमार सौदेबाज हैं, ब्लैकमेलर हैं. वह नेता नहीं है. वह लोगों के लिए नहीं, खुद के स्वार्थ के लिए राजनीति में हैं.

कुंडली देखकर काम करते हैं नीतीश कुमार


पीसी के दौरान तेजस्वी ने जेडीयू के नए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को लेकर भी नीतीश कुमार पर हमला किया था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कुंडली देखकर लोगों का चुनाव करते हैं. दरअसल, ये माना जा रहा है कि लव-कुश जोड़ी को बनाए रखने के मकसद से नीतीश कुमार ने लव यानि कुर्मी समाज से आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. उसके बाद कुश यानि उमेश कुशवाहा को चुना है.


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