केसी त्यागी 'साइड' नहीं हुए... 'साइड' किए गए! नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा? | Inside Story
KC Tyagi Resign: सूत्रों कहना है कि केसी त्यागी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार टिप्पणी कर रहे थे. इससे जेडीयू और बीजेपी के संबंधों में असहजता पैदा हो रहा था.
KC Tyagi News: जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने रविवार (01 सितंबर) को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह अब राजीव रंजन प्रसाद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि केसी त्यागी 'राजनीतिक सलाहकार' के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह करते रहेंगे. जेडीयू की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि त्यागी ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है. हालांकि पार्टी से जुड़े सूत्र कुछ और ही दावा कर रहे हैं. पढ़िए इनसाइड स्टोरी.
दरअसल, पार्टी के सूत्रों कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार की जाने वाली केसी त्यागी की टिप्पणियां जेडीयू और उसके सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संबंधों में असहजता का कारण बन रही थीं. केसी त्यागी दिल्ली में रहते हैं और अपने अनुभव एवं अभिव्यक्ति के कारण राष्ट्रीय मीडिया में विशेष पहचान रखते हैं.
कई मुद्दों पर केसी त्यागी ने खुलकर किया था विरोध
सूत्रों ने बताया कि चाहे समान नागरिक संहिता हो, वक्फ (संशोधन) विधेयक हो या फलस्तीन के मुद्दे पर सरकार का रुख या फिर अन्य मुद्दे हों, समाजवादी नेता त्यागी का मुखर रुख पार्टी के भीतर कई नेताओं को रास नहीं आया. इन वजहों से बीजेपी को भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा. केसी त्यागी ने हाल ही में इजराइल-हमास युद्ध पर विपक्षी नेताओं के साथ जारी एक संयुक्त बयान का भी हिस्सा बने थे. सूत्रों ने कहा कि विदेश नीति के मुद्दों पर सहयोगी के तौर पर सरकार के साथ चलना गठबंधन धर्म का नियम है, लेकिन केसी त्यागी ने इसके विपरीत काम किया.
इतना ही नहीं केसी त्यागी ने इजराइल-फलस्तीन संघर्ष पर विपक्षी नेताओं के साथ ‘लीग ऑफ पार्लियामेंटेरियन’ के महासचिव मोहम्मद मकराम बालावी के लिए दोपहर भोजन का आयोजन किया और यहां तक कि विपक्ष के साथ एक संयुक्त बयान भी जारी किया. इस संयुक्त बयान में भारत से इजरायल को हथियारों की बिक्री रोकने को कहा गया. इस पर केसी त्यागी, अली, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों और नेताओं के हस्ताक्षर थे.
बीजेपी से दबाव नहीं... नीतीश कुमार ने लिया निर्णय?
जेडीयू के एक पदाधिकारी ने कहा, "बीजेपी की ओर से केसी त्यागी को हटाने का कोई दबाव नहीं था और यह निर्णय नीतीश कुमार द्वारा लिया गया था." सूत्रों का कहना है कि पार्टी चाहती है कि केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं पार्टी संसदीय दल के नेता व कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा बीजेपी के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में भूमिका निभाएं.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में मतभेद को लेकर अक्सर होने वाली चर्चाओं को विराम देने के लिए सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए घटक दलों के नेताओं से संपर्क कर रही है. बयान के मुताबिक, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राजीव रंजन प्रसाद को पार्टी का नया राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया है. राजीव रंजन वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव की भूमिका में थे.
जेडीयू के अनुभवी नेता केसी त्यागी को मई 2023 में राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ ही 'विशेष सलाहकार' नियुक्त किया गया था. उनकी इस नियुक्ति के संबंध में जारी बयान में कहा गया था कि केसी त्यागी के संगठनात्मक अनुभव का लाभ उठाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रमुख नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का विशेष सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया है.
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