मधुबनी: बिहार के मधुबनी जिला स्थित क्रिब्स अस्पताल के प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कोरोना काल में ऑक्सीजन की उपलब्धता छुपाने और मरीजों के परिजनों से तय फीस से अधिक लेने के मामले में मधुबनी डीएम अमित कुमार के निर्देश पर नगर थाना में क्लीनिकल अधिनियम 2010 की सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. 


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, बीते दिनों जिला निवासी रामप्रीत साहू की अस्पताल में इलाज के दौरान कोरोना से मौत हो गई थी. रामप्रीत के ही परिजनों ने अस्पताल पर सरकार द्वारा तय फीस से अधिक फीस लेने के आरोप में की शिकायत दर्ज कराई थी. इस संबंध में मृतक की बेटी निहारिका ने बताया कि अस्पताल में 1 लाख 50 हजार रुपये की राशि एडवांस जमा करने के बाद रोजाना हजारों की दवाइयां मंगाई जा रही थी. लेकिन दवाइयां कहां जा रहा थीं, उसका कुछ पता नहीं चल रहा था.


निहारिका की मानें तो जब वेंटिलेटर की जरूरत थी, तब वेंटिलेटर नहीं दिया गया. लाखों रुपए खर्च करने के बाद मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने को कहा गया, जिस वजह से मरीज की मौत हो गई. मौत के बाद 8 लाख रुपये का पेमेंट करने को कहा गया. शिकायत करने पर चार लाख रुपये में बात फाइनल हुई. निहारिका ने बताया कि उसके पिता की कोरोना से मौत हुई, दवा भी कोरोना का चला, लेकिन कोरोना से संबंधित जांच रिपोर्ट उसको नहीं दिया गया.


डीएम ने जांच के बाद दिया निर्देश


बिल की बात जब डीएम अमित कुमार तक पहुंची तो उन्होंने मामले की जांच के लिए सदर एसडीओ अभिषेक रंजन के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी. टीम ने क्रिब्स हॉस्पिटल पर लगे आरोप की जांच की. जांच में आरोपों को सही पाया गया, जिसके बाद अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई. 


इस संबंध में एसडीओ अभिषेक रंजन ने एबीपी न्यूज की टीम को बताया कि क्रिब्स अस्पताल पर मरीजों से ओवर चार्ज करने की शिकायत मिली. डीएम के निर्देश पर जांच की गई, प्रथमदृष्टया मामला सही लगा, जिस आधार पर रिपोर्ट सौंपी गई. उसके बाद उनके निर्देश पर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.


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