पटना: क्या बिहार में ई-श्रम कार्ड बनाने के नाम पर वसूली का काम चल रहा है? क्या रोजगार पाने के लिए श्रमिकों को पैसे देने पड़ रहे हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्यूंकि किरण देवी नाम की एक श्रमिक महिला ने पूरे सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है. दरअसल, बिहार के मजदूरों को केंद्र सरकार के ई-श्रम योजना से जोड़ने को लेकर पटना में ई-श्रम कार्ड वितरण सह निबंधन कार्यक्रम का शनिवार को आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार रामेश्वर तेली (Rameshwar Teli) और बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) मौजूद थे. राज्य सरकार द्वारा राज्य के श्रमिकों को निबंधित करने के लिए ई-श्रम कार्ड वितरण करने का समारोह चल रहा था. 


महिला ने खोली धांधली की पोल


इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली बिहार के श्रमिकों को ई-कार्ड बांट रहे थे. इसी बीच मंत्री ने एक श्रमिक महिला किरण देवी को कार्ड देने के दौरान उनसे सवाल पूछा कि उन्हें इस कार्ड को बनाने में किसी तरह के कोई पैसे तो नहीं देने पड़े. इस पर महिला ने इसका जवाब देते हुए कहा उसे ई-श्रम कार्ड को बनवाने के लिए 100 रुपये देने पड़े. महिला की ये बात सुनकर मंत्री चौंक गए और वहां पर खड़े बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा से कहा कि इस मामले की जांच कराएं और देखें आखिर क्या मामला है.


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मुफ्त में बनाया जाना है कार्ड


चूंकि, श्रम संसाधन विभाग श्रमिकों को पैसे देने और सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने के लिए ई-श्रम कार्ड बनाने का काम कर रहा है. ई-श्रमिक कार्ड बनाने में सरकार एक भी रुपये श्रमिकों से नहीं ले रही है. यह पूरी तरह से निशुल्क है. इसलिए इस बात के सामने आने के बाद बवाल मच गया है. श्रमिक महिला किरण देवी से भी जब मीडिया ने इस संबंध में जानकारी मांगी तो किरण देवी ने कहा कि उन्हें यह कार्ड बनाने में 100 खर्च करने पड़े हैं.



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