रेफरल अस्पताल बना 'भूत बंगला', पूर्व मुख्यमंत्री ने सालों पहले किया था उद्घाटन, अब हर तरफ फैला है कबाड़
ऐसा नहीं है कि ये अस्पताल पूर्णतया बंद है. इस अस्पताल को अंधराठाढ़ी पीएचसी में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां आज भी तीन एमबीबीएस और तीन आयुष चिकित्सक मौजूद हैं. वर्तमान में वहीं मरीजों का इलाज होता है.
मधुबनी: तस्वीर में दिख रहे भवन को गौर से देखिए ये कोई भूत बंगला नहीं है, बल्कि यह 30 बेड का रेफरल अस्पताल है. बिहार के मधुबनी जिला के अंधराठाढ़ी विधानसभा क्षेत्र स्थित इस अस्पताल का उद्धघाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री जगरनाथ मिश्रा ने किया था. महज 35-40 सालों पहले बने इस अस्पताल की दुर्दशा देखकर कोई भी चौंक जाएगा. मन में एक बार ये सवाल जरूर आएगा कि क्या इतने सालों में किसी भी सरकार की इस ओर नजर नहीं पड़ी.
बता दें कि अंधराठाढ़ी विधानसभा सीट बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगरनाथ मिश्रा का सीट हुआ करती थी और अस्पताल निर्माण के बाद उन्होंने ही इसका उद्घाटन किया था. लेकिन मौजूदा समय में ये रेफरल अस्पताल खंडहर में तब्दील हो चुका है. हर कमरे का दरवाजा गायब है. भवन के अंदर-बाहर गोबर का अम्बार लगा हुआ है. अस्पताल में मरीजों के जगह पुआल, जलावन और कबाड़ है. बेड और दवाइयां जैसे-तैसे पड़ी हुई हैं.
पीएचसी में चल रहा है इलाज
ऐसा नहीं है कि ये अस्पताल पूर्णतया बंद है. इस अस्पताल को अंधराठाढ़ी पीएचसी में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां आज भी तीन एमबीबीएस और तीन आयुष चिकित्सक मौजूद हैं. वर्तमान में वहीं मरीजों का इलाज होता है. सभी की रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी लगती है और आने वाले मरीजों का इलाज होता है. यहां पर बेड के साथ ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है.
हालांकि, इस रेफरल अस्पताल की बदहाल स्थिति सिस्टम पर कई सवाल खड़े करती है. सवाल है कि अस्पताल के अंदर पड़े हुए करोड़ों के दवाइयों के नुकसान का जिम्मेवार कौन है? सवाल यह भी है कि आखिर इतना बड़ा अस्पताल महज 35-40 वर्षो में भूत बंगला कैसे बन गया. स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर यह कोई प्राइवेट अस्पताल होता तो आज इसकी बात ही कुछ और होती.
यह भी पढ़ें -
बिहार: पालीगंज MLA संदीप सौरव का फेसबुक अकाउंट हुआ हैक, आतंकी संगठन की तस्वीरें की शेयर
बिहारः ‘बदहाल’ स्वास्थ्य व्यवस्था पर मंगल पांडेय का जवाब- पहले हुआ रहता काम तो आज नहीं होती दिक्कत