पटना: बिहार में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है. इस बाबत बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के सभी रिक्त पदों को जल्द भरने का आदेश दिया था. वॉक इन इंटरव्यू के तहत जल्द से जल्द डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त करने की बात कही गयी थी. साथ ही ये भी कहा गया था कि ये बहाली केवल तीन महिने के लिए कोरोनाकाल को देखते हुए की जा रही है.


एक साल के लिए होगी बहाली


हालांकि, बुधवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि ये बहाली तीन महीने नहीं बल्कि एक साल के लिए की जाए. सीएम के निर्देश के बाद सरकार के गृह विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सक्रिय कोविड मरीजों का आंकड़ा तीन लाख मानते हुए सभी प्रकार की आधारभूत संरचना जैसे बेड, पाईप ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की तैयारी की जाए.


साथ ही 3 लाख सक्रिय कोविड मरीज के लिए आवश्यक मानव बल जैसे- डॉक्टर (एलोपैथिक, आयुष, यूनानी, डेंटिस्ट चिकित्सक सहित), लैब टेक्नीसियन, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ और एनेस्थेटिस्ट के अस्थायी पदों का सृजन कर वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से न्यूनतम एक वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाए. इन नियुक्त निजी व्यक्तियों को संविदा कर्मियों की तरह एक साल के सरकारी अनुभव की अधिमानता भी दी जाए. 


सभी मरीजों का अस्पताल में करें इलाज


गृह विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि सभी सेवानिवृत्त चिकित्सकों, एलोपैथिक, आयुष, डेंटिस्ट को भी काम पर आवश्यकता के अनुसार लगाया जाएगा. कोविड के लक्षण वाले रोगी (भले ही कोविड टेस्ट में निगेटिव हों) को भी अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जाए. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में जो आदेश जारी किया है उसका अनुपालन अच्छे से कराया जाए. सारे वेंटीलेटर को चालू किया जाए.


यह भी पढ़ें -


बिहारः शाम छह से सुबह के छह बजे तक रहेगा कर्फ्यू, शादी में 50 लोग और श्राद्ध में 20 लोग हो सकेंगे शामिल


पप्पू यादव का 'सिस्टम' पर सवाल, कहा- स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं सब ठीक और अधिकारी कर रहे ब्लैकमार्केटिंग