Rohini Acharya: सारण लोकसभा सीट (Saran Lok Sabha Seat) को लेकर सियासी हलचल तेज है. एक तरफ रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) चुनावी मैदान में हैं तो दूसरी ओर बीजेपी से राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) लड़ रहे हैं. शनिवार (04 मई) को बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया कि रोहिणी आचार्य ने नामांकन के दौरान कई गलत जानकारी दी है. जैसे ही यह खबर सामने आई तो सियासी गलियारे में खलबली मच गई. कई तरह के सवाल उठने लगे कि क्या रोहिणी आचार्य का नामांकन रद्द हो जाएगा? रोहिणी आचार्य का नामांकन स्वीकार हुआ है या नहीं?
दरअसल शिकायत में कहा गया है कि रोहिणी आचार्य ने अपने नॉमिनेशन फॉर्म में गलत जानकारी दी है. ऐसे में पटना हाईकोर्ट के वकील ने बीजेपी की ओर से सारण समाहरणालय में शिकायत दर्ज कराई है. अब इस पूरे मामले पर आरजेडी कूद पड़ी है. आरजेडी के प्रवक्ता प्रोफेसर नवल किशोर ने पोस्ट कर बताया है कि बीजेपी की ओर से भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. रोहिणी आचार्य का नॉमिनेशन एक्सेप्ट हो गया है.
नवल किशोर ने शनिवार को एक्स पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लिखा, "सारण से सबसे मजबूत व दमदार उम्मीदवार रोहिणी आचार्य के खिलाफ के खिलाफ विश्व की सबसे झूठा पार्टी भ्रम फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. राजीव प्रताप रूडी की बेचैनी खत्म नहीं होगी." इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर शेयर की है जिसमें दिखा रहा है कि रोहिणी का नॉमिनेश एक्सेप्ट हो गया है.
बीजेपी की ओर से शिकायत में क्या कुछ कहा गया?
पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने बताया कि रोहिणी आचार्य ने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी है. उन्होंने आयकर विवरण की जो जानकारी दी है उसमें बताया है कि एक साल में उनकी इनकम कभी 4000 है तो किसी साल में तीन लाख है. किसी साल में ढाई लाख रुपये भी है. पटना का जो पता दिया गया है उसको लेकर भी सवाल उठाया गया है. इस तरह के कई और आरोप लगाए गए हैं. इसी शिकायत के बाद आरजेडी नेता ने बीजेपी पर हमला बोला है और बताया है कि रोहिणी आचार्य के नामांकन को स्वीकार कर लिया गया है. बीजेपी भ्रम फैला रही है.