Tejashwi Yadav Interview: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को एबीपी न्यूज से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश के साथ दोबारा सराकर बनाने से लेकर तत्कालीन मनमोहन सरकार, बीपीएससी और बिहार में पेपर लीक मामले तक पर बेबाकी जवाब दिया. उन्होंने सीएम के साथ आने की बात पर साफ कहा कि नीतीश कुमार के साथ आने के कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. वो थक चुके हैं. अब उनके साथ आना मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना होगा.
पिता लालू यादव कि उपलब्धि को गिनाया
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिवंगत पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इकॉनमी का फाउंडेशन रखा. हमारे पिता उनके मंत्रिमंडल में रेलमंत्री रहे. हमारे पिता लालू यादव ने रेल को उन्हीं के दौर में 90,000 हजार करोड़ का मुनाफा दिया.
वहीं बीपीएससी विवाद पर कहा कि बीपीएससी को गलती माननी चाहिए. नौजवान अभ्यर्थी अस्पताल में भर्ती हुए. एक सेंटर का एग्जाम रद्द करना छात्रों के साथ अन्याय है. नीतीश कुमार बंद कमरे में कर क्या रहे हैं. सीएम थके हैं. सम्राट चौधरी,चिराग़ पासवान और मांझी कहते थे कि मानसिक स्थिति ठीक नहीं अब कहां हैं. इनका नाम लेकर चार नेता अपना काम निकलवा रहे हैं. प्रधानमंत्री कहां हैं. जब बिहार आते हैं तो आत्मीय संबंध हो जाता है, बीपीएससी पर चुप क्यों हैं.
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान कहां हैं और मांझी जैसे नेता. इन लोगों को पद मिल गया है. केंद्र में सिक्योरिटी, गाड़ी और बंगला लेकर बैठे हैं. अब इनके लिए बिहार भाड़ में जाए. आप पार्टी के कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से बाहर करने पर कहा कि क्या आतिशी ऑथोराइज्ड हैं, इस तरह के बयान देने पर मुझे पता नहीं है. एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के साथ प्रचार पर अभी तय नहीं है. हम चुनाव भी लड़ेंगे या नहीं ये साफ़ नहीं है.
चिराग पासवान पर क्या बोले तेजस्वी यादव?
वहीं ओवैसी के साथ आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार में सभी पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है. हां सात पार्टी साथ हैं. एनसीपी, बसपा शिवसेना सब लड़ना चाहती हैं. सबको सीट दें देंगे तो हमलोग कहां जाएंगे? हम बंगाल, यूपी और हैदराबाद नहीं जाते, चुनाव लड़ने सबको एकोमोडेट नहीं कर सकते. वहीं चिराग के साथ आने पर कहा कि उनकी कोई आइडियोलॉजी नहीं है. वो सो कॉल्ड मोदी के.हनुमान हैं, अगर आज रामविलास पासवान होते तो अंबेडकर के मुद्दे पर अमित शाह से इस्तीफा मांगते नहीं तो ख़ुद इस्तीफा देते. इसी संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर की बदौलत राजनीति में चिराग़ हैं और आज अमित शाह के पक्ष धर हो रहे हैं.
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