(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: 'लड़कियों की सप्लाई कर नेता सांसद बन जाते हैं', मुजफ्परपुर रेप मामले पर RJD नेता का विवादित बयान
MLA Bhai Virendra: आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने मुजफ्फरपुर में लड़कियों से रेप मामले पर कहा कि यह हमेशा होता रहेगा. वहीं पेपर लीक मामले पर भी उन्होंने एनडीए सरकार को घेरा है.
Bhai Virendra Attacks On Nitish kumar: आरजेडी प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने पटना में मंगलवार (18 जून) को विवादित बयान दिया है. उन्होंने मुजफ्फरपुर में लड़कियों से रेप मामले पर कहा कि यह हमेशा होता रहेगा. हमारे यहां कुछ नेता लड़कियां सप्लाई करते हैं. लड़कियों की सप्लाई कर कभी सांसद बन जाते हैं तो कभी मंत्री. वहीं उन्होंने पेपर लीक मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिख रहे सख्त रवैय्ये पर कहा कि सरकार अपने मन मुताबिक कानून बनाती है और अपने मन मुताबिक कानून को बंद करती है.
'सरकार अपने मन मुताबिक कानून बनाती है'
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार अपने मन मुताबिक कानून बनाती है पेपर लीक जो मामला हुआ है उसमें छोटे स्तर की बात नहीं है. बड़े स्तर के बड़े अधिकारी बड़े राजनेता इसमें शामिल है. जहां-जहां एनडीए की सरकार है, वहीं पेपर लीक होता है. यूपी में भी पेपर लीक हुआ है तो आखिर पहले सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. नया कानून बने लेकिन उसे पर अमल होना चाहिए. भाई वीरेंद्र ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जाति विशेष को देखकर नौकरी नहीं दें.
बिहार सरकार का दवा है कि 2025 तक 10 लाख सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य सरकार पूरा करेगी. इस पर आरजेडी के विधायक और मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा 5 लाख से ज्यादा तो हमारे कार्यकाल का है इसके बाद अगर सरकार नौकरी दे रही है तो स्वागत योग है, लेकिन पारदर्शिता के साथ नौकरी नहीं दी जाती है जाति विशेष को देखकर नौकरी दी जाती है.
एमएलसी नीरज कुमार ने किया पलटवार
वहीं भाई वीरेंद्र के ये कहने पर कि पारदर्शिता के साथ नौकरी नहीं दी जाती है, इस पर जेडीयू प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भाई वीरेंद्र को यह जानकारी होना चाहिए कि पहले नौकरी देने के बदले में जमीन ली जाती थी, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार में यह सब नहीं होता है. पूरी तरह पारदर्शिता होती है. उनके राज्य में उनके ही परिवार से नैकरी के पैसे लिए जाते थे और नीतीश कुमार के शासनकाल में उनके परिवार को बिना पैसे लिए नौकरी दी जा रही है. इससे अधिक पारदर्शिता का क्या प्रमाण होगा.