सहरसा: बिहार के शिवहर विधानसभा क्षेत्र के आरजेडी विधायक चेतन आनंद शुक्रवार को बिहार के सहरसा पहुंचे. सहरसा में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने 26 जनवरी के दिन लाल किले पर हुई घटना को सत्ता पक्ष की साजिश बताया. चेतन आनंद ने कहा कि जब भी कोई आंदोलन होता है, तो उसको दबाने के लिए सरकार कोई न कोई नया प्लान करती ही है.


बिहार सरकार पर जमकर साधा निशाना


चेतन आनंद ने बिहार के वर्तमान सरकार को मियां-बीबी की सरकार बताते हुए कहा कि मियां-बीबी की सरकार सब कुछ भूल गयी है. कल तक उन्हें विशेष राज्य का दर्जा याद था और आज ये सब कुछ भूल गये हैं. उन्होंने कहा कि वो लोग भले ही भूल गए हैं, लेकिन हमलोगों को सब याद है.


किसानों का कोई विकल्प नहीं


आनंद ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों का निजीकरण करने में जुटी हुई है. देश में सब कुछ तैयार करने के लिए मशीन उपलब्ध हैं, लेकिन किसान आज भी खेत में जाकर ही काम करते हैं. उनका कोई विकल्प नहीं है.


पीसी के दौरान बिहार सरकार और केंद्र सरकार निशाना साधने के साथ ही उन्होंने मधेपुरा के जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोशी का विकास कैसे होगा, जब यहां का मुद्दा यहां के सांसद ही सदन में नहीं उठाते हैं. लेकिन जब बजट पास होता है, तो मेज जरूर थपथपाते हैं.


क्या हुआ था 26 जनवरी को ?


मालूम हो कि करीब तीन महीने से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर्स पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को किसान कानून के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था. दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को तय रूट पर ट्रैक्टर मार्च करने के लिए अनुमती दे दी थी. लेकिन इसके बाद भी किसानों ने तय रूट से हटकर ट्रैक्टर मार्च निकाला था और राजधानी की सड़कों पर जमकर उपद्रव मचाया था. वहीं, इस दौरान प्रदर्शनकारी दिल्ली के लाल किले में भी घुस गए थे और वहां अपना झंडा फहरा दिया था. हालांकि, किसाने ने ही झंडा फहराया था इस बात की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है.


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