MP Sudhakar Singh: बक्सर लोकसभा सीट से आरेजडी के सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार की कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने पोस्ट कर कहा कि ये चिंताजनक है कि एक थाना प्रभारी जनता के चुने हुए प्रतिनिधी के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. यह घटना हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव को हिला देती है. उन्होंने पोस्ट में बताया कि बीते दिनों जब जनता की समस्या को लेकर थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने उनके साथ अभद्र शब्दों में बात की.
सुधाकर सिंह ने जताई कानून व्यवस्था पर चिंता
अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर सुधाकर सिंह ने लिखा, "2 सितंबर, 2024 को एक व्यक्ति, जिसका नाम अविनाश कुमार है और मोबाइल नंबर 9973227473 है, उसने मुझे धमकी दी गई और अभद्र भाषा का प्रयोग किया. इसकी शिकायत मैंने उसी दिन रामगढ़ थाना प्रभारी को लिखित रूप में दर्ज कराई, जिसका पत्रांक संख्या Sep-24/53 है. खेद की बात है कि इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है."
"इतना ही नहीं, पिछली रात रामगढ़ प्रखंड के ग्राम नरहन और लबेदहा के स्थानीय किसानों ने मुझसे शिकायत की कि रात के 12 बजे रामगढ़ थाना प्रभारी के जरिए उन्हें धमकी दी जा रही है. तब मैंने इस संबंध में और मुझे मिली धमकी के बारे में थाना प्रभारी से बात की. तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. बल्कि, उन्होंने कहा कि वे मेरे जैसे बहुत से सांसदों और विधायकों को अपनी जेब में रखकर घूमते हैं और मुझे जहां शिकायत करनी हो, कर ले."
सांसद ने आगे लिखा कि यह टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के प्रति घोर अपमानजनक भी है. क्या यह बिहार पुलिस की कार्य संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है? यदि एक सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा सकता है, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी? यह घटना लोकतांत्रिक मूल्यों का घोर उल्लंघन प्रतीत होती है. पुलिस का यह रवैया न केवल जनप्रतिनिधियों के प्रति अनादर को दर्शाता है, बल्कि समूचे कानून व्यवस्था तंत्र पर प्रश्नचिह्न लगाता है.
'पूरा घटनाक्रम मुझे कमजोर करने के लिए रचा जा रहा'
सुधाकर सिंह ने कहा कि यह स्थिति राजनीतिक हस्तक्षेप और संभावित भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करती है. यह स्पष्ट है कि यह पूरा घटनाक्रम मुझे कमजोर करने के लिए रचा जा रहा है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं इन धमकियों से डरने वाला नहीं हूं. अब तक मुझे कमजोर करने के बहुत प्रयास किए गए और आगे भी किए जाएंगे, लेकिन लोकतंत्र में जनता मालिक है, न कि आप और आपकी पुलिस.
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