पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों में मिली हार को आरजेडी हजम नहीं कर पा रहा है. पार्टी के दिग्गजों की माने तो चुनाव में अपेक्षित सीटें मिली होती तो आरजेडी विधानसभा में बहुमत के और करीब होता लिहाजा हार का कारण तलाशने के लिए अब आरजेडी उच्चस्तरीय समीक्षा करने का मन बना रही है. पार्टी ने इस मंथन की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक को दी है मगध क्षेत्र में 2 शहरी इलाकों को छोड़ दें तो बाकी क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति अच्छी रही है हालांकि अन्य शहरी क्षेत्रों में अधिकतर सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. पटना महानगर की चारों सीट और गया शहरी सीट पर आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन के प्रत्याशी हारे हैं वहीं मुजफ्फरपुर में पार्ेटी को शहरी क्षेत्र में जीत मिली है.
दलित सीटों पर भी पार्टी को मिली हार
आरजेडी दलित सीटों पर मिली पराजय की भी समीक्षा करेगा इसके लिए पार्टी ने एक रणनीति बनाई है और हार की समीक्षा के लिए उन दलित विधायकों को बुलाया जाएगा जो इस बार चुनाव हार चुके हैं संबंधित जिलों के जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को भी इस समीक्षा में शामिल कर हार पर मंथन करने की रणनीति पार्टी ने बनाई है.महागठबंधन के सबसे प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार 8 सीटें मसलन बोधगया, रजौली मसौढ़ी, मोहनिया, मखदुमपुर, , गरखा, अलौली और सिंघेश्वर पर जीत हासिल की है.
आत्ममंथन में इन सवालों के हल ढूंढेगी पार्टी
पार्टी हार के मंथन में तीन सवालों के हल ढूंढने का मन बना रही है जिनमें पहला सवाल है कि हार का मुख्य कारण क्या रहा. वहीं दूसरा सवाल ये है कि राजद का परंपरागत वोटर छिटका या अब भी परंपरागत रूप से जुड़ा हुआ है और तीसरा सवाल है कि गैर परंपरागत वोटर राजद के प्रति आकर्षित क्यों नहीं हुए.
बताते चलें कि इस बार विधान सभा चुनाव में राजद को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है और इसके लिए पार्टी अब उन क्षेत्रों में हार की समीक्षा करने जा रही हैं जहां इन्हे पराजय का सामना करना पड़ा था. सूत्रों की माने तो पार्टी इस संदर्भ में पूरी तरह गंभीर है जिससे भविष्य में सफलता हासिल करने में पराजय की कोई गुंजाइश ना रहे.