लालू ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा- घोटालेबाज को मंत्री बनाकर CM ने बता दी अपनी प्राथमिकता
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिखा कि तेजस्वी जहां पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां देने को प्रतिबद्ध था, वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया.
पटना: नियोजन घोटाला के आरोपी जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाए जाने के बाद नीतीश कुमार विवादों में घिर गए हैं. विपक्ष लगातार इस बात को लेकर उनपर निशाना साध रही है. इसी क्रम में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी को नई कैबिनेट में जगह देने को लेकर सूबे के मुखिया और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है.
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिखा, " तेजस्वी जहां पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां देने को प्रतिबद्ध था, वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया. विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं."
तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया। विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं। https://t.co/armjAXpwR4
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 18, 2020
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा था, " भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगोड़े आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया. अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया. सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है. रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है. लेकिन कुर्सी खातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे."
दरसअल, नीतीश कुमार की नेतृत्व गठित एनडीए की सरकार में तारापुर विधायक मेवा लाल चौधरी को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि, कभी पार्टी से निष्कासित किए गए नियुक्ति घोटाला में आरोपित मेवालाल चौधरी को कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए हैं.
बता दें कि मेवालाल चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. 2010 में जब उनको जब कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का कुलपति बनाया गया तो उनकी पत्नी नीता चौधरी जेडीयू से विधायक बनीं. लेकिन जब नियोजन घोटाले में उनका नाम आया और तभी विपक्ष में रहे सुशील मोदी ने जब सदन में यह मुद्दा उठाया तो नीतीश कुमार को मेवालाल चौधरी को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा था. हालांकि, जेडीयू ने 2015 में फिर उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद वे तारापुर ने विधायक निर्वाचित हुए और इस बार उन्हें मंत्री बनाया गया है.
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