पटना: अपने करीबी आकाश यादव को पदमुक्त किए जाने से हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव खासा नाराज हैं. उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इस फैसले को आरजेडी के संविधान के खिलाफ बताया है. दरअसल, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष बुधवार को कई दिनों बाद बिहार की राजधानी पटना स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे. कार्यालय पहुंचते ही उन्होंने पार्टी के संबंध में बड़ा फैसला किया.
आरजेडी संविधान के खिलाफ हुआ काम
उन्होंने पार्टी के छात्र विंग की जिम्मेदारी गगन कुमार को सौंप दी. इससे पहले छात्र विंग के अध्यक्ष आकाश यादव थे. आकाश यादव को पदमुक्त किए जाने से भड़के तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा, " प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलती है और आरजेडी का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते. आज जो हुआ वो आरजेडी के संविधान के खिलाफ हुआ."
इशारों में तेजस्वी पर भी साधा निशाना
तेज प्रताप ने अपने इस ट्वीट में जहां साफ तौर पर जगदानंद सिंह पर निशाना साधा है. वहीं, प्रवासी सलाहकार कह कर इशारों में अपने भाई तेजस्वी यादव को भी घेरा है. मालूम हो कि बीते रविवार यानी 8 अगस्त को पार्टी के युवा प्रकोष्ठ की बैठक थी. प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक को तेज प्रताप ने संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी एयर उन्हें हिटलर बताया था. पार्टी युवा विंग की बैठक के बाद से ही जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय नहीं जा रहे थे.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि तेज प्रताप की बातों से आहत होकर जगदानंद सिंह ने पार्टी से दूरी बना ली है. पत्रकार लगातार तेजस्वी से इस संबंध में सवाल कर रहे थे. हालांकि, कयासों के बीच बुधवार को जगदानंद सिंह पार्टी दफ्तर पहुंचे. लेकिन पहुंचते ही युवा विंग की जिम्मेदारी नए हाथों को सौंपना कहीं न कहीं ये सिद्ध करता है कि जगदानंद नाराज तो थे.
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