Bihar News: 65 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर अड़ी आरजेडी, तमाम जिलों में इस दिन होगा धरना प्रदर्शन
RJD Protest: बिहार में जब एनडीए स्ता में आई तो आरजेडी ने आरोप लगाया कि नीतीश सराकर ने 65 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालने की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया है और अब आरजेडी इसे लेकर धरना प्रदर्शन करेगी.
देशभर में जातिगत जनगणना की माँग तथा महागठबंधन सरकार के 𝟏𝟕 महीनों के “तेजस्वी जी के सेवाकाल” में बढ़ायी गयी 𝟔𝟓% आरक्षण सीमा को संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में शामिल करने की माँग को लेकर 𝐍𝐃𝐀 सरकार के विरुद्ध एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। #RJD #TejashwiYadav #Bihar… pic.twitter.com/vA3RfBi9Op
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) August 29, 2024
बता दें कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तब सीएम नीतीश कुमार ने जातीये सर्वे कराया था. सर्वे के बाद सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दी गई. इस बढ़ी हुई आरक्षण सीमा के साथ बिहार में आरक्षण 65 प्रतिशत हो गया है.
जिसे महागठबंधन सरकार ने 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी. तब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने भी इस पर पुरजोर तरीके से आवाज उठाई थी. जेडीयू ने भी मांग की थी 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए. अब जब बिहार में सरकार बदल गई और एनडीए स्ता में आई तो आरजेडी ने आरोप लगाया कि नीतीश सराकर ने इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
सुप्रीम कोर्ट भी पटना हाईकोर्ट के फैसले से सहमत
उधर पटना उच्च न्यायालय ने भी सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगा दी. पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा, जिसके बाद 65 प्रतिशत आरक्षण को सरकार के लिए 9वीं अनुसूची में शामिल करना मुश्किल हो गया. सरकार का कहना है इस पर अभी फाइनल फैसला नहीं आया है, वहीं विपक्ष का कहना है कि बिहार सरकार ने अदालत के सामने अपने पक्ष को सही तरीके से नहीं रखा, जिस कारण इस पर रोक लग गई.