पटनाः वारंट को लेकर विवाद और अपहरण के मामले में आरजेडी एमएलसी कार्तिक सिंह (Kartik Singh) पर दर्ज मामले में गुरुवार को दानापुर कोर्ट में सुनवाई हुई. कार्तिक सिंह ऊर्फ कार्तिक मास्टर खुद कोर्ट नहीं पहुंचे थे. उनके वकील जनार्दन राय ने पक्ष रखा था. फैसला चार बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था. शाम करीब पांच बजे फैसला आया. अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.


अब हाई कोर्ट जा सकते हैं कार्तिक सिंह


फैसला आने से पहले कार्तिक सिंह के वकील जनार्दन राय ने मीडिया से कहा था कि हम लोग चाहते हैं कार्तिक सिंह को न्याय मिले. अगर अग्रिम जमानत याचिका खारिज हुई तो हाई कोर्ट जाएंगे. बताया जाता है कि दानापुर कोर्ट में एडीजे-3 के समक्ष उनके वकील ने करीब एक घंटे तक बहस की थी. इस दौरान कार्तिक सिंह के वकील ने अपना पक्ष रखा था. अब बड़ी खबर है कि कार्तिक सिंह को कोर्ट से झटका लगा है.


यह भी पढ़ें- BPSC PT Exam Update: छात्रों के हंगामे के बाद नीतीश कुमार ने लिया फैसला, एक दिन और एक पाली में ही ली जाएगी परीक्षा


क्या है मामला?


मामला 2014 का है. बिहटा में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह का अपहरण हुआ था. इस मामले में बिहटा थाने में एफआईआर दर्ज है. इसमें कार्तिक सिंह पर वारंट था. उन्‍हें 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वह 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. महागठबंधन सरकार में कानून मंत्री भी बन गए.


अब कार्तिक सिंह के पास क्या रास्ता?


सबसे बड़ा सवाल है कि अब आरजेडी एमएलसी कार्तिक सिंह के पास क्या रास्ता है? पहले कानून मंत्री बनाए गए. इसके बाद जब विवाद बढ़ता गया तब बीते बुधवार को उनका विभाग बदल दिया गया. उन्हें बुधवार को गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई. विभाग बदलते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अब ये हो सकता है कि कार्तिक सिंह गिरफ्तारी या सरेंडर कर जमानत लेने की कोशिश कर सकते हैं.


यह भी पढ़ें- Bihar Crime News: गोपालगंज में युवक को फोन कर घर से बुलाया, पहुंचने पर गला रेता, मारकर पुल के नीचे फेंका