Pashupati Paras left Party office: बिहार की राजधानी पटना में आखिरकार पशुपति पारस (Pashupati Paras) को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय खाली करना ही पड़ा. विवादों से भरा राष्ट्रीय लोजपा का कार्यालय और पशुपति पारस का सरकारी बंगला सोमवार (11 नवंबर) को खाली किया जा रहा है. सारे सामान बंगले से बाहर निकाले जा रहे हैं. बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने कार्यालय को खाली करने का नोटिस दिया था.


खाली हुआ राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय


हालांकि कोर्ट और भवन निर्माण विभाग के जरिए कार्यालय को 13 तारीख तक खाली करने का समय मिला था, लेकिन उससे पहले ही कार्यालय को खाली किया जा रहा है. ठेले से सामान को निकाला जा रहा है और ऑफिस को लगभग खाली कर दिया गया है. जो नजारा आज सोमवार को पटना के राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय का देखने को मिला, उसे देख कर तो ये कहा ही जा सकता है कि राजनीति में कब किसके सितारे बुलंद हो जाएं और कब किसे ग्रहण लग जाए, ये कहना मुश्किल है. चर्चा है कि अमित शाह भी पशुपति पारस के काम नहीं आए.  


कोर्ट का सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार


बताया जा रहा है कि कार्यालय के अंदर बने स्व. रामचन्द्र पासवान की स्मृति भवन को भी तोड़ दिया गया है, जो शेड इस स्मृति भवन के छत पर था, उसे हटा दिया गया है. हालांकि पारस ने इस बंगले को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की थी. पटना हाईकोर्ट में रिट तक दायर की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यहां तक कि बंगला बचाने के लिए अमित शाह के पास भी गए, लेकिन कोई काम नहीं आया. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी. 


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